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अब बेटे को मंत्री बनाने के लिए उपवास पर विधायक की 'मां' !

मां है तो ये जहां है, मां है तो बेटे के लिए आसमां है. ऐसी ही एक दास्तां आज हम आपको बताएंगे. इस कहानी में मां के उस ताकत का आपको अहसास होगा, जिसके लिए उसे जाना जाता है. 20 साल से बेटे को विधायक बनाने के लिए मां ने तपस्या की. बेटे के लिए आज भी लगातार उपवास रख रही है.

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Published : Jan 30, 2022, 10:27 AM IST

बस्ती: कहते हैं कि इस दुनिया में मां शब्द का कोई मोल नहीं है. मां है तो ये जहां है, मां है तो बेटे के लिए कुछ भी असंभव नहीं. ऐसी ही एक दास्तां आज हम आपको बताएंगे. इस कहानी में मां के उस ताकत का आपको अहसास होगा, जिसके लिए उसे जाना जाता है. 20 साल से बेटे को विधायक बनाने के लिए मां ने तपस्या की. बेटे के लिए आज भी लगातार उपवास रख रही है. भाजपा विधायक संजय जायसवाल के विधायक बनने की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. इन दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. सूबे में इस वक्त चुनाव अब अपने पूरे शबाब पर है.

हर एक सीट पर उम्मीदवार जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, ताकि विधायक बनकर वे यूपी की विधानसभा में पहुंच सके. खैर, इन सबके बीच एक अच्छी तस्वीर सामने आई है. बेटे को विधायक बनाने के लिए एक मां की तपस्या सुनकर आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे. मां ने अपने बेटे को विधायक बनाने के लिए एक-दो साल नहीं, बल्कि 20 सालों तक उपवास रखा और बेटे को विधायक बनाकर ही दम लिया. दरअसल, संजय जायसवाल रूधौली विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर विधायक है. साल 2012 में संजय ने कांग्रेस से जीत दर्ज की थी. इससे पहले संजय 2002 से लगातार रूधौली विधानसभा में चुनाव लड़ रहे थे, मगर उन्हें सफलता 2012 में मिली.

उपवास पर विधायक की 'मां'

इसे भी पढ़ें - इन सीटों पर फाइट हुई टाइट, सपा के बागियों को अब बसपा का सहारा

बेटे के राजनीति में लगन और संघर्ष को देखकर मां का दिल पसीजा और फिर ईश्वर को साक्षी मानकर बेटे को विधायक बनाने के लिए अन्न का त्याग कर दिया और मन्नत मांगी कि जब तक बेटा विधायक नहीं बन जाता, वो अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं करेंगी. उपवास का दौर चलता रहा और ईश्वर ने एक मां की पुकार सुन ली. संजय जायसवाल को रूधौली विधानसभा की जनता का साथ मिला और वो 2012 में विधायक बन गए. इसके बाद संजय की मां ने एक साल के लिए अपना उपवास तोड़ दिया. फिर उन्होंने सोचा बेटे की और तरक्की हो तो उन्होंने 2013 में फिर से अन्न का त्याग कर उपवास शुरू किया जो अब भी बदस्तूर जारी है.

भाजपा विधायक संजय जायसवाल की मां के आंखों में बात करते-करते आंसू आ जाते हैं. रोते हुए बोलती हैं कि बेटे का संघर्ष उनसे देखा नहीं गया तो वो भी एक छोटा सा प्रयास की. 12 साल लगातार अन्न ग्रहण नहीं की, लेकिन जब बेटा विधायक बन गया तो उन्होंने एक साल के लिए उपवास तोड़ दिया. मगर फिर से उन्होंने व्रत शुरू किया, जो अब भी जारी है. भाजपा विधायक की मां माया देवी का कहना है कि वो सिर्फ फलाहार करती है और पूजा-पाठ में लीन रहती हैं. उनका कहना है कि बेटे को ऊंचाई की बुलंदियों पर पहुंचना ही उनका एक मात्र लक्ष्य हैं और इसमें वो हमेशा अपने बेटे का साथ देती रहेंगी.

वहीं, भाजपा विधायक संजय जायसवाल का कहना है कि मां के आशीर्वाद से आज वो राजनीति में इस मुकाम पर पहुंचे हैं. मां परिवार की उन्नति के लिए शुरू से ही संघर्ष करती रही है. उनके विधायक बनने में भी मां ने पहले 12 साल व्रत रखा और फिर से वो विधायक बने, इसके लिए उनकी मां ने व्रत रखा है. मतलब 20 साल से मां उनकी तरक्की के लिए उपवास पर है.

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बस्ती: कहते हैं कि इस दुनिया में मां शब्द का कोई मोल नहीं है. मां है तो ये जहां है, मां है तो बेटे के लिए कुछ भी असंभव नहीं. ऐसी ही एक दास्तां आज हम आपको बताएंगे. इस कहानी में मां के उस ताकत का आपको अहसास होगा, जिसके लिए उसे जाना जाता है. 20 साल से बेटे को विधायक बनाने के लिए मां ने तपस्या की. बेटे के लिए आज भी लगातार उपवास रख रही है. भाजपा विधायक संजय जायसवाल के विधायक बनने की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. इन दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. सूबे में इस वक्त चुनाव अब अपने पूरे शबाब पर है.

हर एक सीट पर उम्मीदवार जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, ताकि विधायक बनकर वे यूपी की विधानसभा में पहुंच सके. खैर, इन सबके बीच एक अच्छी तस्वीर सामने आई है. बेटे को विधायक बनाने के लिए एक मां की तपस्या सुनकर आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे. मां ने अपने बेटे को विधायक बनाने के लिए एक-दो साल नहीं, बल्कि 20 सालों तक उपवास रखा और बेटे को विधायक बनाकर ही दम लिया. दरअसल, संजय जायसवाल रूधौली विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर विधायक है. साल 2012 में संजय ने कांग्रेस से जीत दर्ज की थी. इससे पहले संजय 2002 से लगातार रूधौली विधानसभा में चुनाव लड़ रहे थे, मगर उन्हें सफलता 2012 में मिली.

उपवास पर विधायक की 'मां'

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बेटे के राजनीति में लगन और संघर्ष को देखकर मां का दिल पसीजा और फिर ईश्वर को साक्षी मानकर बेटे को विधायक बनाने के लिए अन्न का त्याग कर दिया और मन्नत मांगी कि जब तक बेटा विधायक नहीं बन जाता, वो अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं करेंगी. उपवास का दौर चलता रहा और ईश्वर ने एक मां की पुकार सुन ली. संजय जायसवाल को रूधौली विधानसभा की जनता का साथ मिला और वो 2012 में विधायक बन गए. इसके बाद संजय की मां ने एक साल के लिए अपना उपवास तोड़ दिया. फिर उन्होंने सोचा बेटे की और तरक्की हो तो उन्होंने 2013 में फिर से अन्न का त्याग कर उपवास शुरू किया जो अब भी बदस्तूर जारी है.

भाजपा विधायक संजय जायसवाल की मां के आंखों में बात करते-करते आंसू आ जाते हैं. रोते हुए बोलती हैं कि बेटे का संघर्ष उनसे देखा नहीं गया तो वो भी एक छोटा सा प्रयास की. 12 साल लगातार अन्न ग्रहण नहीं की, लेकिन जब बेटा विधायक बन गया तो उन्होंने एक साल के लिए उपवास तोड़ दिया. मगर फिर से उन्होंने व्रत शुरू किया, जो अब भी जारी है. भाजपा विधायक की मां माया देवी का कहना है कि वो सिर्फ फलाहार करती है और पूजा-पाठ में लीन रहती हैं. उनका कहना है कि बेटे को ऊंचाई की बुलंदियों पर पहुंचना ही उनका एक मात्र लक्ष्य हैं और इसमें वो हमेशा अपने बेटे का साथ देती रहेंगी.

वहीं, भाजपा विधायक संजय जायसवाल का कहना है कि मां के आशीर्वाद से आज वो राजनीति में इस मुकाम पर पहुंचे हैं. मां परिवार की उन्नति के लिए शुरू से ही संघर्ष करती रही है. उनके विधायक बनने में भी मां ने पहले 12 साल व्रत रखा और फिर से वो विधायक बने, इसके लिए उनकी मां ने व्रत रखा है. मतलब 20 साल से मां उनकी तरक्की के लिए उपवास पर है.

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