बस्ती: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाते हुए अयोध्या और भगवान श्री राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया है. इसको लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. वहीं बस्ती में बीजेपी नेता राजेन्द्र नाथ तिवारी ने ओली पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नेपाल के हुक्मरान का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. वे कम्युनिस्टों की भाषा बोल रहे हैं.
पूर्वांचल विद्वत परिषद के अध्यक्ष और बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इतिहास की कोई जानकारी नही है. भारत-नेपाल का सांकृतिक सम्बन्ध युगों से है और इसको खराब करने का कारण ओली ही हैं. चीन के दबाव में नेपाल और भारत के रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई लाख प्रयास कर ले बिगाड़ नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को ट्वीट कर श्रीराम पर विवादित बयान देने वाले नेपाली प्रधानमंत्री को तुरंत प्रतिवाद करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है श्रीराम पर अविश्वास करने वाले ओली पर नेपाल की जनता ही विश्वास नहीं कर कर रही है. उन्होंने कहा कि अयोध्या और भगवान श्री राम को लेकर जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है, वह निंदनीय है. उन्हें पुराणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. चीन के दबाव में आकर वे कम्युनिस्ट मानसिकता वाला बयान दे रहे हैं. ओली का बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत-नेपाल के सम्बन्धों में कुछ खटास है. उन्होंने कहा कि आयोध्या समेत पूरे समाज को ओली के बयान का विरोध करना चाहिए.
दरअसल नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा था कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में नहीं, बल्कि जनकपुर के पास के नेपाल में मौजूद गांव अयोध्या में हुआ था. उन्होंने कहा था कि भारत की अयोध्या में कोई सच्चाई नहीं है और भारत-नेपाल के सम्बन्ध हमेशा खराब रहे हैं. भारत हमारा स्वाभाविक मित्र कभी नहीं रहा. उन्होंने कहा कि जनकपुर वीरगंज के पास एक गांव है, जिसका नाम अयोध्या है. राम वहीं पैदा हुए थे. हालांकि ओली के बयान पर भारत समेत खुद नेपाल में ही विरोध हो रहा है.