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बस्ती: 4.30 करोड़ से घाघरा पर बना बीडी बांध नदी में समाया, गांव के अस्तित्व पर खतरा

उत्तर प्रदेश की बस्ती में घाघरा नदी पर बना 90 मीटर बीडी बांध घटिया निर्माण के कारण हल्की बारिश से ही कटान में बह गया. इस बांध बनाने के लिए सीएम योगी ने 4.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के समय फिर एक बार उनके गांव में बाढ़ आने का खतरा रहेगा.

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4.30 करोड़ से घाघरा पर बना बीडी बांध नदी में समाया.
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Published : Dec 31, 2019, 10:47 AM IST

बस्ती: जिले की घाघरा नदी पर बने 90 मीटर बीडी बांध की घटिया निर्माण ने हल्की बारिश में पोल खोल दी और बीडी बांध का 90 मीटर लम्बा हिस्सा महज 30 मिनट में नदी में समा गया. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के समय फिर एक बार उनके गांव चांदपुर कटरिया में खतरा मंडराएगा.

4.30 करोड़ से घाघरा पर बना बीडी बांध नदी में समाया.

हल्की बारिश से बीडी बांध का 90 मीटर लम्बा हिस्सा नदी में समाया

  • 2018 में चांदपुर गांव के सामने घाघरा नदी में कटान से 90 मीटर तटबंध देखते ही देखते नदी में समा गया था.
  • उस समय तत्कालीन डीएम राजशेखर ने पूरे गांव को खाली करा दिया था.
  • इसी तटबंध को देखने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आए थे.
  • सीएम ने इसकी मरम्मत के लिए 4.30 करोड़ रुपये धन भी स्वकृति की थी.

पिछले अगस्त और सितंबर में 200 मीटर के हिस्से में 45 एमएम मोटाई की बोल्डर पिचिंग और आठ मीटर के हिस्से में बोल्डर का बेस बनाकर तटबंध को सुरक्षित किया गया, लेकिन हाल ही में हुई हल्की बारिश ने गुणवत्तापूर्ण कार्यों की पोल खोल कर रख दी. घाघरा नदी के कटान से 90 मीटर लम्बा तटबंध का लंबा हिस्सा महज चन्द मिनटों में नदी में समा गया.

इसे भी पढ़ें- बस्ती का मोबाइल अस्पताल 60 हजार लोगों का कर चुका है इलाज

वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि यदि बाढ़ से पहले तटबंध का पुनःनिर्माण नहीं किया गया तो नदी के बहाव का दबाव पडे़गा. इससे हम लोगों का गांव बाढ़ के पानी में बह जायेगा.

इसकी जांच कराई जायेगी और हरहाल में तटबंधों को नदी के कटने से बचाया जायेगा. अभी ऐसा कोई खतरा ग्रामीणों को नहीं है. समय रहते तटबंध को सुरक्षित कर लिया जायेगा.
-आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी

बस्ती: जिले की घाघरा नदी पर बने 90 मीटर बीडी बांध की घटिया निर्माण ने हल्की बारिश में पोल खोल दी और बीडी बांध का 90 मीटर लम्बा हिस्सा महज 30 मिनट में नदी में समा गया. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के समय फिर एक बार उनके गांव चांदपुर कटरिया में खतरा मंडराएगा.

4.30 करोड़ से घाघरा पर बना बीडी बांध नदी में समाया.

हल्की बारिश से बीडी बांध का 90 मीटर लम्बा हिस्सा नदी में समाया

  • 2018 में चांदपुर गांव के सामने घाघरा नदी में कटान से 90 मीटर तटबंध देखते ही देखते नदी में समा गया था.
  • उस समय तत्कालीन डीएम राजशेखर ने पूरे गांव को खाली करा दिया था.
  • इसी तटबंध को देखने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आए थे.
  • सीएम ने इसकी मरम्मत के लिए 4.30 करोड़ रुपये धन भी स्वकृति की थी.

पिछले अगस्त और सितंबर में 200 मीटर के हिस्से में 45 एमएम मोटाई की बोल्डर पिचिंग और आठ मीटर के हिस्से में बोल्डर का बेस बनाकर तटबंध को सुरक्षित किया गया, लेकिन हाल ही में हुई हल्की बारिश ने गुणवत्तापूर्ण कार्यों की पोल खोल कर रख दी. घाघरा नदी के कटान से 90 मीटर लम्बा तटबंध का लंबा हिस्सा महज चन्द मिनटों में नदी में समा गया.

इसे भी पढ़ें- बस्ती का मोबाइल अस्पताल 60 हजार लोगों का कर चुका है इलाज

वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि यदि बाढ़ से पहले तटबंध का पुनःनिर्माण नहीं किया गया तो नदी के बहाव का दबाव पडे़गा. इससे हम लोगों का गांव बाढ़ के पानी में बह जायेगा.

इसकी जांच कराई जायेगी और हरहाल में तटबंधों को नदी के कटने से बचाया जायेगा. अभी ऐसा कोई खतरा ग्रामीणों को नहीं है. समय रहते तटबंध को सुरक्षित कर लिया जायेगा.
-आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो -9889557333

स्लग- 30 मिनट में पानी मे बह गया 4.30 करोड

एंकर- जहाँ एक तरफ योगी सरकार भष्टाचार रोकने मे लगी है और वही दुसरी तरफ सरकार के अधिकारी है कि गोलमाल करने से बाज नही आ रहे है। घागरा नदी पर बने 90 मीटर बीडी बाँध की घटिया निर्माण ने हल्की बारिश में पोल खोल दी और बीडी बाँध का 90 मीटर लम्बा हिस्सा महज 30 मिनट मे नदी नदी मे समा गया। ग्रामीणों का कहना है की बाढ के समय फिर एक बार उनके गांव चाँदपुर कटरिया मे खतरा मंडराएगा, ग्रामीणों की माने तो 2018 मे चाँदपुर गांव के सामने घागरा नदी मे लगी कटान से 100 मीटर तटबंध देखते ही देखते नदी मे समा गया था और तत्कालीन डीएम राजशेखर द्वारा पूरे गांव को खाली करा दिया गया और इसी तटबंध को देखनें के लिए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आये थे और उन्होंने इसकी मरम्मत के लिए 4.30 करोड रुपये धन भी स्वाकृति किया था। इस धन से पिछले अगस्त व सितंबर माह मे दौ सौ मीटर के हिस्से मे 45एमएम मोटाई की बोल्डर पिचिग व आठ मीटर के हिस्से मे बोल्डर का बेस बनाकर तटबंध को सुरक्षित किया गया लेकिन हाल ही में हुई हल्की बारिश ने गुणवत्तापूर्ण कार्यों की कलई खोल कर रख दी और अचानक लगी घघरा नदी के कटान से 90 मीटर लम्बा तटबंध का लंबा हिस्सा महज चन्द मिनटो मे नदी मे समा गया।



Body:वही ग्रामीणों ने कहा की यदि बाढ से पहले तटबंध को पुनःनिर्माण नही किया गया तो नदी का दबाव तटबंध पर पडेगा जिससे हम लोगो का गाँव बाढ के पानी मे बह जायेगा। अब सवाल यह उठता है कि करोड़ों रुपया खर्च कर जिस तटबंध के बेस को बनाया गया था वह हल्की बारिश मे इस कदर बह गया की जैसे कोई फूस की झोपडी पानी मे बह जाती हो। बाढ खंड के अधिकारियों द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य न कराने की वजह से बार बार तटबंध के बेस का निर्माण होता है और गुणवत्ता विहीन कार्य होने से सरकारी धन का बन्दरबाँट अधिकारी व कर्मचारी करते है। नतीजा यह निकलता है की बाढ के समय मे ग्रामीणों को अपना घर छोडने के लिए मजबूर होना पडता है. वही इस बारे मे जब जिलाधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने बताया की इसकी जाँच कराई जायेगी और हरहाल मे तटबंधों को नदी के कटने से बचाया जायेगा। अभी यैसा कोई खतरा ग्रामीणों को नही है समय रहते तटबंध को सुरक्षित कर लिया जायेगा.

बाइट-ग्रामीण
बाइट-किसान
बाइट-जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन


बस्ती यूपी


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