बस्ती : आधुनिकता के इस युग में सोशल मीडिया की सीमा बेहिसाब है और कम समय में नेम और फेम हासिल करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सहारा लेना लोगों को बेहतर लगता है. मगर कभी-कभी इसी सोशल मीडिया के जरिए लिए गए गलत फैसले पूरी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं. बस्ती की रहने वाली सुनीता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उसको इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करने और रील बनाने का काफी शौक था. इसी के माध्यम से सुनीता की दोस्ती ट्रेवल एजेंट राकेश से हुई. दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा और दो साल बाद ये प्यार इतना नफरत में बदला कि सुनीता ने राकेश की हत्या करने की खौफनाक साजिश रच डाली और अपने ही हाथ से उसे मौत के घाट उतार दिया. उप्र के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले ट्रेवल एजेंट की हत्या का पुलिस ने मंगलवार को खुलासा कर दिया.
नहर के पास मिला था शव
डीएसपी विनय चौहान ने बताया कि सीआरपीएफ से वीआरएस लेकर ट्रेवल एजेंट बने राकेश सरोज (43) का शव 12 जनवरी को कलवारी थाना क्षेत्र के सुजावलपुर गांव के पास नहर में मिला था. थानाध्यक्ष कलवारी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने पूरे केस का गहनता से इन्वेटिगेशन किया, जिसके अनुसार राकेश की मंगेतर सुनीता ने अपने पिता विनोद निवासी बघौड़ा थाना कलवारी और इसी गांव के अपने नए प्रेमी पिन्टू पांडेय के साथ मिलकर हत्या की थी.
प्रेमी ने अपने शादीशुदा होने की बात छुपाई
पुलिस के अनुसार सुनीता ने बताया कि राकेश ने शादीशुदा होने की बात छिपाकर उससे सगाई की थी. जब वह उसका फ्लैट देखने कोलकाता गई तब उसे पता चला कि वह शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. कोलकाता में उसका कोई फ्लैट भी नहीं है. इसके बाद राकेश ने उसे रुपए देना बंद कर दिया था. इसी वजह से उसने अपने पिता और प्रेमी पिन्टू के साथ मिलकर राकेश को मारने की योजना बनाई थी.
हत्या कहीं और करके शव नहर में फेंका गया
कलवारी सर्किल के डीएसपी विनय चौहान ने बताया कि सुनीता को चमनगंज से गिरफ्तार करने के बाद दो अन्य आरोपी विनोद व पिन्टू को शाम करीब चार बजे आगौना से दबोच लिया गया. उनके कब्जे से शव को ठिकाने लगाने में प्रयुक्त बाइक और दो एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं. राकेश सरोज के भाई राजेश सरोज की तहरीर पर पुलिस ने सुनीता समेत अन्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था.
प्रेमिका ने कैसे की प्रेमी की हत्या
तहरीर में बताया गया था कि नौ जनवरी को राकेश अपने घर से लखनऊ जाने की बात कहकर निकला था लेकिन बस्ती आ गया. रात में एक बजे सुनीता ने फोन पर 2 लाख 85 हजार रुपए उसके खाते में आरटीजीएस करने की बात कही और बैंक पासबुक की फोटो व्हाट्सएप से राकेश के पास भेज दी. लेकिन ट्रांजेक्शन फेल होने के कारण राकेश पैसा नहीं भेज पाया. इसके बाद सुनीता ने राकेश को अपने गांव बघौड़ा स्थित अपने खेत से सटी बगिया में बुला लिया और रुपये की मांग करने लगी.
राकेश ने पैसा लेकर आने की बात कही और बस्ती शहर में आकर रामा लॉज गांधीनगर में रुक गया. 10 जनवरी को रात में राकेश, सुनीता से मिलने बघौड़ा थाना कलवारी स्थित बगिया में पहुंचा. रात करीब सात बजे सुनीता के पिता विनोद और प्रेमी पिंटू पांडेय बगीचे में पहुंच गए. विनोद ने जान से मारने के उद्देश्य से राकेश के गले को रस्सी से कस कर दबाया और पिंटू पांडेय ने उसका हाथ व सुनीता ने दोनों पैर पकड़ लिए, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद सुबह सुनीता के पिता और पिंटू ने मिलकर एक बाइक पर राकेश के शव को लेकर घटना स्थल से कुछ दूर नहर में ले जाकर फेंक दिया.
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