बस्ती: कामकाज संभालने के बाद पहली बार बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सतीश द्विवेदी बस्ती पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रेरणा ऐप का विरोध वे शिक्षक कर रहे हैं, जो खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से शिक्षण काम में लापरवाही बरतते हैं. ऐसे लोगों को योगी सरकार बख्शने के मूड में बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि नेतागिरी करने वाले शिक्षकों पर भी लगाम लगेगी. साथ ही शिक्षामित्रों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए सरकार शिक्षामित्रों की स्थिति को बेहतर करने का प्रयास कर रही है.
सुधर रही बेसिक शिक्षा व्यवस्था-
जनपद पहुंचे शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने प्रेस वार्ता में अपना एक्शन प्लान बताया. उन्होंने कहा कि योगी सरकार बनने के बाद बेसिक शिक्षा व्यवस्था सुधर रही है. मंत्री ने कहा कि 28 लाख ज्यादा बच्चे सरकारी स्कूलों में बढ़े हैं. अपने गृह जनपद में तैनाती चाहने वाले प्राथमिक शिक्षकों को प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब बेसिक शिक्षा विभाग में काम करने वाले पुरुष शिक्षक तीन साल और महिला शिक्षक एक साल की नौकरी पूरी करने पर दूसरे जिले में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे. नई तबादला नीति अक्टूबर में जारी कर दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि महिला शिक्षकों को उनकी ग्राम पंचायत छोड़कर कहीं भी तैनाती मिल सकेगी. साथ ही गंभीर रोग से पीड़ित, दिव्यांग के लिए समय सीमा में छूट रहेगी और उनको तबादले में प्राथमिकता दी जाएगी. बदलावों पर सीएम योगी से अनुमति ले ली गई है. सभी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सुबह प्रार्थना के बाद 15 मिनट का योग सत्र होगा.
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नेतागिरी करने वाले शिक्षकों पर लगेगी लगाम-
सतीश द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षकों की छुट्टियां अब ऑनलाइन अप्लाई की जाएंगी. लीव एप्लीकेशन का समयबद्ध निस्तारण करना होगा. मॉनिटरिंग के लिए 4 सितंबर को सीएम प्रेरणा ऐप लॉन्च करेंगे. प्रेरणा ऐप पर शिक्षक को स्कूल पहुंचने पर मिड डे मील और छुट्टी के समय बच्चों के साथ सेल्फी अपलोड करनी होगी. जो लोग इस ऐप का विरोध कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जो अब तक खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतते थे. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे नेतागिरी करने वाले शिक्षकों पर भी लगाम लगेगा.
सतीश द्विवेदी ने कहा कि मंडल स्तर पर स्कूलों में योजनाओं पर निरंतर नजर रखने के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड गठित किया गया है. इसमें एडी बेसिक, सहायक वित्त और लेखाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान और एमडीएम के जिला समन्वयक शामिल होंगे. हमारी कोशिश है मिर्जापुर जैसी घटनाएं सामने न आएं. जर्जर भवन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब शहरों में कायाकल्प योजना लागू की जाएगी. साथ कि कंपनियों से अनुरोध किया जाएगा कि वे स्कूलों को बेहतर बनाने में सहयोग करें.