बस्ती: जब बगैर दूरदर्शी सोच रखें किसी योजना का प्रारूप तैयार किया जाता है, तो लंबे अरसे तक उसके टिके रहने संभव नहीं कम ही होती है. ऐसा ही कुछ मामला बस्ती जिले के दुबौलिया ब्लॉक के रामनगर गांव में सामने आया है. जहां पेयजल की आपूर्ति के लिए स्थापित किया गया आरओ प्लांट (RO Plant) ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है.
जल निगम ने दुबौलिया ब्लॉक के रामनगर गांव में करीब 10 लाख रुपये की लागत से लगभग 6 माह पूर्व आरओ प्लांट लगाया गया था. जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने का था. लेकिन, ग्रामीणों को अपना गला तर करने के लिए आज तक इस आरओ प्लांट से स्वच्छ पानी की एक बूंद तक नहीं मिल सकी. उधर, इस आरओ प्लांट का पाइप बिछाने के लिए आरसीसी रोड को बीच से ही तोड़ दिया गया था, जिसकी वजह से अब ग्रामीणों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है. सड़क खराब होने के कारण गांव लोगों को आने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, साथ ही सड़क टूटी होने के कारण यहां अक्सर हादसे भी होते हैं. जिसकी वजह से लोगों को चोटिल भी हो जाते हैं. लेकिन, जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि ठेकेदार आधा अधूरा काम काम बीच में छोड़कर रफूचक्कर हो गया. जिसके बाद एक ओर स्वच्छ की आपूर्ति के लिए लगाई गई टोटियां ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रही हैं. वहीं सड़क टूट जाने के कारण उनकी सामने नई मुसीबत पैदा हो गई है.
इस मामले में जल निगम के अधिशासी अभियंता रेहान फारूकी ने बताया कि इस काम का टेंडर हेड क्वार्टर से हुआ है. जिस कंपनी द्वारा कार्य किया जा रहा था, उसकी कुछ समस्याएं थी. जिसकी वजह से यह काम अभी पूरा नहीं किया जा सका है. अधिशासी अभियंता ने कहा कि आरसीसी रोड की जो भी क्षति हुई है, उसे जल्द से जल्द ठीक कराया जाएगा.
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