बस्ती: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कुठाराघात करते हुए योगी सरकार के ही एक अफसर ने ऐसा कांड कर डाला जिसका जवाब देते अब सरकार को नहीं बन रहा है. बस्ती सदर तहसील के नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला ने अपनी सहकर्मी महिला नायब तहसीलदार के आवास में घुसकर रेप करने की कोशिश की. नाकाम होने पर हत्या करने की भी कोशिश की. वो तो गनीमत रही कि महिला अफसर लड़ती रही और किसी तरह खुद को बचा पाई.
घटना दीपावली की रात की है. दो दिन बाद जब महिला अफसर ने मुकदमा दर्ज करवाने के लिए कोतवाली में लिखित शिकायत दी तो पुलिस ने मामले को दबाने का प्रयास किया. लेकिन, मीडिया में प्रकरण आते ही पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी. अब आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला की गिरफ्तारी के लिए पीड़ित महिला अधिकारी को गुहार लगानी पड़ रही है.
महिला पीसीएस अफसर ने जारी किया वीडियोः महिला अफसर ने एक वीडियो जारी करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथ जोड़कर मांग की है कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. पीड़ित महिला नायब तहसीलदार ने पूरी घटना के बारे में बताया है कि कैसे उनके साथ उनके ही साथी अधिकारी ने बदतमीजी की और फिर उन्हें अब न्याय के लिए आला अफसरों के चक्कर काटने पड़ रहे. महिला अफसर ने आरोप लगाया कि एफआईआर लिखने से लेकर आरोपी की गिरफ्तारी तक में पुलिस की कार्य शैली भगवान भरोसे रही है.
दोनों नायब तहसीलदार के आवास अगल-बगलः नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला और महिला नायब तहसीलदार एक ही तहसील में साथ में काम करते थे. इतना ही नहीं दोनों के आवास भी अगल बगल ही थे. सूत्रों के मुताबिक दोनों में अक्सर व्हाट्सएप पर बात भी हुआ करती थी, फिर ऐसा दीपावली के दिन क्या हुआ कि नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला सारी मर्यादा को लांघते हुए महिला अधिकारी से जबरन मिलने पहुंच गए. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी अधिकारी की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की जा रही है. घटना में एक तीसरा शख्स भी शामिल था, जिसको लेकर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है.
कौन हैं पीड़ित महिला पीसीएस अफसरः पीड़ित महिला अफसर वर्ष 2020 की डायरेक्ट पीसीएस अधिकारी हैं, जिनकी पहली पोस्टिंग बलरामपुर जिले में हुई थी. वहां से स्थानांतरण होने के बाद वह बस्ती जनपद में आईं. जहां उन्हें सदर तहसील का नायब तहसीलदार बनाया गया था. वहीं, आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला प्रमोटी पीसीएस अफसर हैं, जिनका प्रमोशन वर्ष 2022 में हुआ था. इससे पहले घनश्याम शुक्ला गोरखपुर जनपद में कानून के पद पर थे. यह संयोग रहा कि घनश्याम शुक्ला और पीड़ित महिला अफसर एक ही तहसील में पोस्ट हो गए और दोनों के बीच ऐसी खिचड़ी पकी कि यह मामला अब सरकार और जिला प्रशासन के गले की फांस बन गया.
भाजपा एमएलसी ने जिला प्रशासन पर लगाया बड़ा आरोपः मामले को लेकर भाजपा के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर डीएम और एसपी के घर की बेटी होती तो भी क्या वे आरोपी की गिरफ्तारी नहीं करते. आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला की किसी भी हाल में जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. वरना इस मामले को लेकर हुए आला कमान से भी बात करेंगे.
एमएलसी ने अपनी ही सरकार पर खड़े किए सवालः एमएलसी देवेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि एक महिला अधिकारी जब सुरक्षित नहीं है तो अन्य के बारे में क्या कहा जाए, इस घटना के बाद से जिले की दूसरी महिला अधिकारियों के जेहन में डर समा गया है. ऐसे में आरोपी घनश्याम शुक्ला की गिरफ्तारी किया जाना बेहद ही आवश्यक है.
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