बस्ती: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में कुछ सप्ताह पहले पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी जेल से रिहा हुए थे. उनकी मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही हैं. 22 साल पुराने केस में पूर्व मंत्री को फिर से जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है. बस्ती की एमपी-एमएलए कोर्ट में अमरमणि त्रिपाठी की पेशी आज होगी.
उत्तर प्रदेश के बस्ती में एमपी-एमएलए अदालत ने बिजनेसमैन धर्मराज के बेटे के अपहरणकांड (Basti Businessman Dharamraj son s kidnapping case) में अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया थी. अदालत ने अमरमणि त्रिपाठी को गिरफ्तारी करने के लिए बस्ती पुलिस अधीक्षक को विशेष टीम बनाने का आदेश दिया था. अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने वारंट को तामील कराने और अमरमणि त्रिपाठी को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम भी गठित की.
आज पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को न्यायालय में पेश किया जाना है. अदालत ने केस में गैरहाजिर नैनी शर्मा और शिवम उर्फ रामयज्ञ को फरार घोषित करने का आदेश दिया थी. बस्ती के बिजनेसमैन धर्मराज के बेटे का अपहरण का केस एक बार फिर सुर्खियों में है. काफी लंबे समय से अमरमणि त्रिपाठी कोर्ट में हाजिर होने से बच रहे थे. बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने उनकी तबीयत ठीक नहीं होने की बात पुलिस से कही थी.
बस्ती में बिजनेसमैन के बेटे के अपहरण का मामला में एमपी एमएलए अदालत ने सुनवाई करते हुए अमरमणि त्रिपाठीकी गिरफ्तारी का आदेश दिये थे. अदालत ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया था. साथ ही बस्ती के पुलिस अधीक्षक को पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी करने के साथ ही 1 नवंबर को अदालत में पेश (Amarmani Tripathi in Basti MP-MLA court) करने का आदेश दिया था.
बस्ती में 6 दिसंबर 2001 को कोतवाली थाना क्षेत्र के गांधीनगर में रहने वाले व्यापारी धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण किया गया था. व्यापारी का बेटा तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने बरामद किया था. इस मामले में पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी समेत 9 लोग आरोपी हैं. इनमें पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, शिवम उर्फ रामयज्ञ और नैनीश शर्मा अदालत से गैर हाजिर चल रहे हैं. इसकी वजह से केस की कार्रवाई पेंडिंग है.
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