बस्ती: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है. बच्चे अब तक जर्जर भवनों में खतरे के बीच बैठकर पढ़ते रहे. वहीं अब शासन ने देर से ही सही, लेकिन दुरुस्त फैसला लिया है. शासन ने जर्जर स्कूल भवनों को ढहाने का निर्देश दे दिया है.
दरअसल योगी सरकार बेसिक शिक्षा को और बेहतर बनाने का लगातार प्रयास कर रही है. इसलिए अब जर्जर भवन वाले स्कूल नहीं दिखेंगे. जीर्णशीर्ण हालत में पहुंच चुके स्कूल भवन ढहा दिए जाएंगे. योगी सरकार ने पहले जर्जर भवन वाले स्कूलों का विवरण मांगा था. जब रिपोर्ट बनाकर विभाग ने भेजा तो शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय को जर्जर स्कूल भवनों को ढहाने का फरमान जारी कर दिया.
जिले से भेजी गई रिपोर्ट में 319 परिषदीय विद्यालयों के भवन के जर्जर होने का जिक्र था, जहां बच्चे सुरक्षित नहीं थे. मौत के साए में हर रोज जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. जिन स्कूलों के नए भवन बन गए, उनके भी परिसर में जर्जर भवन जस की तस स्थिति में है. ऐसे में अक्सर बच्चे खेलते हुए वहां चले जाते हैं, जिससे बच्चे कभी भी अनहोनी का शिकार हो सकते हैं.
वहीं बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि जिले के जर्जर अवस्था में कुल 319 स्कूल भवन चिह्नित किए गए हैं. इसमें ऐसे भवन भी हैं, जिनका निर्माण अभी 10 से 15 साल के बीच हुआ है. खराब गुणवत्ता के चलते यह भवन जर्जर हो गए. वहीं ज्यादातर स्कूल काफी पुराने समय के हैं.
बीएसए ने कहा कि वैसे जनपद के किसी स्कूल के जर्जर भवन में बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं. जर्जर भवनों को ढहाने के लिए मूल्यांकन कमेटी गठित हुई है. इसमें एक्सईएन पीडब्ल्यूडी अध्यक्ष और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के दो एई सदस्य नामित किए गए हैं. यह कमेटी स्कूल भवनों की जांच करेगी. भवनों के मलबे का मूल्यांकन कर नीलाम करा दिया जाएगा.
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