बस्ती : 25 अप्रैल 2021 को आर्यन की लाश पंखे से लटकती हुई मिली थी. तब से आज तक उसकी मां-बाप और बहन इंसाफ के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. आर्यन बेहद ही होनहार और खुश दिल बच्चा था, लेकिन अचानक से उसकी मौत हो जाना पूरे परिवार को सदमे में लाकर खड़ा कर दिया है. आर्यन की मौत हत्या या आत्महत्या है, इस बात का अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है, लेकिन आर्यन के परिजनों का कहना है कि जमीन और चुनाव की रंजिश को लेकर उनके बेटे की गला दबाकर हत्या की गई है और फिर मामले को दूसरा रूप देने के लिए शव को पंखे से टांग दिया गया.
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26 अप्रैल को आर्यन घर पर अकेला था. मां और उसकी बहन एक शादी में गए हुए थे, जबकि आर्यन के पिता गांव में ही चुनाव प्रचार में व्यस्त थे. तभी सूचना आई कि आर्यन ने फांसी लगा ली. आर्यन के पिता ने बताया की जिन लोगों पर उनके बेटे की हत्या का आरोप है वही लोग पुलिस से पहले उनके बेटे को फांसी से नीचे उतार दिए थे और आर्यन की दादी इस बात की गवाह भी है की हत्यारे आर्यन के कमरे से बाहर निकल रहे थे. इतना ही नहीं संतराम और उसके साथियों ने धमकी भी दी थी कि चुनाव मत लड़ना वरना बेटे की जान से हाथ धो बैठोगी.
पुलिस ने मामले की छानबीन की और शव का पोस्टमार्टम करवाया और इस मामले को आत्महत्या करार देते हुए फाइल बंद कर दी, लेकिन आर्यन के पिता पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है और अपने बेटे की हत्या के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. आर्यन के पिता बालमुकुंद ने डीआईजी अशोक राय से मिलकर गुहार लगाई मगर नतीजा कुछ नहीं निकला. पुलिस इस मौत को हत्या मानने को तैयार ही नहीं है. एएसपी ने इस मामले को लेकर कहा कि पुलिस जांच कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की बात सामने आई है.