बस्ती: जिले की तहसीलों में वर्षों से लम्बित चल रहे मुकदमों के अतिशीघ्र निवारण के लिए जिला एसडीएम और सभी तहसीलदारों को डीएम ने निर्देश जारी किया था. इस निर्देश से नाराज वकीलों ने शनिवार को जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. वहीं इस दौरान एक मुवक्किल ने वकीलों पर मारपीट का आरोप भी लगाया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे तहसील प्रशासन ने किसी तरह मामले को शांत कराया.
एसडीएम हर्रैया के कार्य से सन्तुष्ट नहीं हैं वकील
जिले में पीड़ितों को न्याय और जमीन रंजिश में हो रहे झगड़ों को बन्द कराने के लिए निर्देश जारी किया गया था. इसी क्रम में हर्रैया तहसील में एसडीएम के द्वारा कोर्ट चलाया जा रहा था. लगभग 15 दिन पहले से हर्रैया के वकील, एसडीएम हर्रैया के कार्य से सन्तुष्ट नहीं थे और आए दिन नारेबाजी करते रहते थे.
एसडीएम जिन्दाबाद और मुर्दाबाद में हुआ विवाद
शनिवार को जब ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ बढ़े, तभी वकीलों ने हर्रैया एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. तभी एक मुवक्किल जो अपना मुकदमा देखने आया था, वह वकीलों के सामने हर्रैया एसडीएम जिन्दाबाद का नारा लगाने लगा.
मुवक्किल का आरोप
मुवक्किल का आरोप है कि बीच तहसील परिसर में वकीलों ने उससे हाथापाई शुरू कर दी. मुवक्किल का कहना है कि ईमानदार अधिकारियों को ये वकील लोग हर्रैया में रहने नहीं देते हैं. उसने बताया कि मारपीट में उसका मोबाइल समेत दस हजार रुपये भी कहीं गिर गए.
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने जानकारी देते हुए बताया कि
वहीं जब इस बारे में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वकील उन पर बेवजह दबाव बना रहे हैं, ताकि तहसील में सालों से लंबित 9 हजार मुकदमों का निस्तारण न हो सके और वकीलों कि दुकान चलती रहे.