बस्तीः स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिए पैसा दिया था. वहीं जिन लाभार्थियों ने पैसा मिलने के बाद भी शौचालय नहीं बनवाया है, अब प्रशासन उनका नाम गांव की दीवार पर लिखवा रही है. ताकि सरकार का धन खाने वाले लोगों को शर्म आए और वो या तो उस बजट को वापस कर दें या फिर सरकार ने उन्हें जिस काम के लिए दिया था. उसे पूरा करें. राजस्व बकायेदारों की तरह अब शौचालय के नाम पर मिले धन को डकारने वालों की भी सूची ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक किया जाने लगा है. उनके नाम गांव में पंचायत भवन के साथ ही अन्य प्रमुख भवनों की दीवारों पर अंकित कराया जा रहा है.
जिले में तीन हजार से अधिक ऐसे लोग हैं, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए मिले सरकारी धन तो ले लिया, मगर अब तक शौचालय का निर्माण नहीं कराया है. लगातार उनसे शौचालय निर्माण के लिए अनुरोध किया गया. विभागीय कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक ने कार्रवाई की चेतावनी दी, मगर ऐसे लोगों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. ऐसे में मुख्य विकास अधिकारी सरनीत कौर ब्रोका ने एक अनोखी पहल की.
उन्होंने शौचालय की रकम लेकर निर्माण न कराने वाले लोगों का नाम ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थलों पर अंकित कराने का निर्देश सभी खंड विकास अधिकारियों को दिया है. किसने कितनी रकम शौचालय निर्माण की दबा रखी है. इसका भी जिक्र सूची में करने का निर्देश दिया. उसी क्रम में पिछले तीन दिनों से गांवों में दीवार पर सूची में दर्ज नामों को लिखा जा रहा है. परशुरामपुर विकास खंड में सबसे पहले इसकी शुरुआत की गई है.
परशुरामपुर विकास खंड के बेरता ग्राम पंचायत में दीवार पर पेंट कराई गई सूची में सात लोगों का नाम दर्ज है, जबकि भरुकहवा ग्राम पंचायत के चार लोगों का नाम अंकित किया गया है. इनमें एक पर 12 हजार तो तीन पर छह हजार रुपये हड़पने का आरोप है. ग्राम पंचायत पितूड़ा में 12 लोगों का नाम दीवार पर अंकित कराया गया है. इन सभी ने शौचालय निर्माण का 12 हजार रुपये हड़प रखा है.
डीपीआरओ विनय सिंह ने बताया कि बार-बार कहने के बाद भी ये लोग शौचालय का निर्माण नहीं करवा रहे थे. शौचालय बनवाने के लिए उन्हें पूरा धन भी दिया जा चुका है. कई बार नोटिस दी गई, मगर कोई फर्क नहीं पड़ा तो अब गांव में ही ऐसे लोगों के नाम दीवाल पर लिखवाकर उन्हें अहसास दिलाया जा रहा है कि वो शौचालय का निर्माण करवा ले.