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जिंदगी में तनाव खत्म करने का बड़ा माध्यम थिएटरः देवमूर्ति - बरेली की ख़बर

बरेली के भोजीपुरा में श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसआरएमएस) रिद्धिमा में आज से मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप आरंभ हुआ.

मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
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Published : Oct 19, 2021, 3:44 PM IST

बरेलीः जिले के भोजीपुरा में श्रीराममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रिद्धिमा में मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप शुरू हो गया. छह दिन चलने वाली इस वर्कशाप में थिएटर के इतिहास की जानकारी के साथ प्रतिभागियों को एक्टिंग, मेकअप, मास्कमेकिंग, स्टेज, लाइट, साउंड जैसी थिएटर से संबंधित तमाम बारीकियों की जानकारी दी जा रही है. दीप प्रज्वलित कर वर्कशाप का उद्घाटन नाट्यकर्मी जेसी पालीवाल, एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति एसआरएमएस, आईएमएस के प्रिंसिपल डॉक्टर एसबी गुप्ता ने किया.

वर्कशाप के उद्घाटन के बाद जेसी पालीवाल ने इसकी सराहना की. उन्होंने कहा कि इस वर्कशाप से उन्हें अपना बचपन याद आ गया है. 1952 में जब उन्होंने राधेश्याम कथावाचक के नाटक वीर अभिमन्यु से थिएटर करना आरंभ किया था, तो उन्होंने थिएटर और दुनिया को एक जैसा बताया. उन्होंने कहा कि दुनिया बड़ा रंगमंच है. यहां पर भी हम बेटे, भाई, पति, बाप, दादा की अलग-अलग भूमिकाएं अलग-अलग समय पर निभाते हैं. यही थिएटर में भी होता है, जो जितनी वास्तविकता से अपनी भूमिका निभाता है. जितनी सच्चाई से जीवन जीता है, समाज में भी सम्मान पाता है और थिएटर में भी. दोनों में रीटेक नहीं होता. ऐसे में भूमिका के साथ न्याय करने के लिए उसे शिद्दत से जीना जरूरी है. चाहें वह दुनिया में उसकी अलग-अलग भूमिका हो, या थिएटर में अभिनय करते समय दी गई.

मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
पालीवाल ने रिद्धिमा को बरेली शहर के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया. उन्होंने कहा कि देवमूर्ति ने रिद्धिमा की स्थापना कर शहर को सांस्कृतिक रूप से आगे बढ़ाने वाला एक तोहफा दिया है. एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने पालीवाल को बरेली शहर में थिएटर का जनक बताया. उन्होंने कहा कि मैं बचपन से ही पालीवाल जी को थिएटर करते देखता आया हूं. जब थिएटर को कोई जानता तक नहीं था, तो उन्होंने थिएटर को खुद में जिया है. इन्हीं की बदौलत यहां पर यह कला जीवित है. देवमूर्ति ने थिएटर की जीवनशैली बदलने और तनाव को खत्म करने वाला बताया.
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप

इसे भी पढ़ें- नौकायन अभियान में 270 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे एनसीसी कैडेट्स

उन्होंने थिएटर वर्कशाप में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि सभी बड़े अभिनेता थिएटर की ही देन हैं. आप लोग यहां पर थिएटर की माडर्न टेक्निक सीखिए और आगे बढ़िए. इससे पहले थिएटर वर्कशाप के कोआर्डिनेटर अनुज गुप्ता ने उपस्थित लोगों को थिएटर वर्कशाप की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज से शुरू होने वाली यह वर्कशाप 24 अक्टूबर तक चलेगी. माडर्न थिएटर की जनक मानी जाने वाली भारतेंदु नाटक एकेडमी लखनऊ की चित्रा मोहन, ट्यून प्रोडक्शन के फाउंडर और आडियो टेक्नालाजी एंड लाइट डिजाइन एक्सपर्ट संजय बिष्ट, रिद्मिक बाडी मूवमेंट एक्सपर्ट देवज्योति नस्कर और अंबाली प्रहराज, निर्देशक अंबुज कुकरेती, अभिनेता अजय चौहान वर्कशाप में प्रतिभागियों को विभिन्न तकनीकों पर जानकारी देंगे. इस मौके पर डॉ. अनुज कुमार, डॉ.रितु सिंह, डॉ. एएस यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे.

बरेलीः जिले के भोजीपुरा में श्रीराममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रिद्धिमा में मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप शुरू हो गया. छह दिन चलने वाली इस वर्कशाप में थिएटर के इतिहास की जानकारी के साथ प्रतिभागियों को एक्टिंग, मेकअप, मास्कमेकिंग, स्टेज, लाइट, साउंड जैसी थिएटर से संबंधित तमाम बारीकियों की जानकारी दी जा रही है. दीप प्रज्वलित कर वर्कशाप का उद्घाटन नाट्यकर्मी जेसी पालीवाल, एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति एसआरएमएस, आईएमएस के प्रिंसिपल डॉक्टर एसबी गुप्ता ने किया.

वर्कशाप के उद्घाटन के बाद जेसी पालीवाल ने इसकी सराहना की. उन्होंने कहा कि इस वर्कशाप से उन्हें अपना बचपन याद आ गया है. 1952 में जब उन्होंने राधेश्याम कथावाचक के नाटक वीर अभिमन्यु से थिएटर करना आरंभ किया था, तो उन्होंने थिएटर और दुनिया को एक जैसा बताया. उन्होंने कहा कि दुनिया बड़ा रंगमंच है. यहां पर भी हम बेटे, भाई, पति, बाप, दादा की अलग-अलग भूमिकाएं अलग-अलग समय पर निभाते हैं. यही थिएटर में भी होता है, जो जितनी वास्तविकता से अपनी भूमिका निभाता है. जितनी सच्चाई से जीवन जीता है, समाज में भी सम्मान पाता है और थिएटर में भी. दोनों में रीटेक नहीं होता. ऐसे में भूमिका के साथ न्याय करने के लिए उसे शिद्दत से जीना जरूरी है. चाहें वह दुनिया में उसकी अलग-अलग भूमिका हो, या थिएटर में अभिनय करते समय दी गई.

मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
पालीवाल ने रिद्धिमा को बरेली शहर के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया. उन्होंने कहा कि देवमूर्ति ने रिद्धिमा की स्थापना कर शहर को सांस्कृतिक रूप से आगे बढ़ाने वाला एक तोहफा दिया है. एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने पालीवाल को बरेली शहर में थिएटर का जनक बताया. उन्होंने कहा कि मैं बचपन से ही पालीवाल जी को थिएटर करते देखता आया हूं. जब थिएटर को कोई जानता तक नहीं था, तो उन्होंने थिएटर को खुद में जिया है. इन्हीं की बदौलत यहां पर यह कला जीवित है. देवमूर्ति ने थिएटर की जीवनशैली बदलने और तनाव को खत्म करने वाला बताया.
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप
मार्डन थिएटर टेक्निक्स पर वर्कशाप

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उन्होंने थिएटर वर्कशाप में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि सभी बड़े अभिनेता थिएटर की ही देन हैं. आप लोग यहां पर थिएटर की माडर्न टेक्निक सीखिए और आगे बढ़िए. इससे पहले थिएटर वर्कशाप के कोआर्डिनेटर अनुज गुप्ता ने उपस्थित लोगों को थिएटर वर्कशाप की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज से शुरू होने वाली यह वर्कशाप 24 अक्टूबर तक चलेगी. माडर्न थिएटर की जनक मानी जाने वाली भारतेंदु नाटक एकेडमी लखनऊ की चित्रा मोहन, ट्यून प्रोडक्शन के फाउंडर और आडियो टेक्नालाजी एंड लाइट डिजाइन एक्सपर्ट संजय बिष्ट, रिद्मिक बाडी मूवमेंट एक्सपर्ट देवज्योति नस्कर और अंबाली प्रहराज, निर्देशक अंबुज कुकरेती, अभिनेता अजय चौहान वर्कशाप में प्रतिभागियों को विभिन्न तकनीकों पर जानकारी देंगे. इस मौके पर डॉ. अनुज कुमार, डॉ.रितु सिंह, डॉ. एएस यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे.
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