बरेली: जिले के मीरगंज में अपने पैतृक गांव असदनगर आई उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षिका की कोरोना से मौत हो गई. सोमवार को तबीयत बिगड़ने पर शिक्षिका को एक प्राइवेट कोविड अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
कोरोना संक्रमण के चलते महिला शिक्षिका की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल कर्मी कोविड नियमावली के तहत ही अंत्येष्टि कराना चाहते थे, लेकिन सत्ताधारी नेताओं के दखल पर शव परिजन को सौंप दिया गया. घर ले जाने के बाद उन्होंने रिश्तेदारों को आखिरी बार चेहरा दिखाने के लिए शिक्षिका के डेड बॉडी कवर की सील तोड़ दी गई. इसके कुछ घंटों बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. लापरवाही का पता चलने के बाद ग्राम प्रधान गौरव सिंह और ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और उप जिलाधिकारी ममता मालवीय से शिकायत कर महिला शिक्षका के घर पहुंचने वालों की कोरोना जांच कराने की मांग की है ताकि गांव में संक्रमण न फैले.
उप जिलाधिकारी ममता मालवीय मीरगंज ने बताया कि गांव वालों से सूचना मिली थी की राजश्री मेडिकल कॉलेज ने बिना प्रशासन को बताए शव परिजनों को दे दिया है. उसका सीधे अंतिम संस्कार न कर परिवार वाले शव घर ले गए, जिससे लोगों की भीड़ लग गई और आशंका की इस वजह से पूरे गांव कोरोना संक्रमण फैल सकता है.