बरेली: बरेली के मीरगंज तहसील क्षेत्र के गांव खमरिया आजमपुर में एक हजार की आबादी है और यहां करीब साढ़े तीन सौ मतदाता हैं. लेकिन विचित्र बात यह है कि यहां पिछले सात दशकों से न तो गांव में जाने के लिए सड़क है और न ही बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल. गांव में विकास न होने के कारण यहां के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. गांव में विकास न होने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है.
गांव के लोगों का आरोप है कि गांव में न तो बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल है और न ही चलने के लिए रास्ते. यहां के लोग हर सरकारी योजना से वंचित हैं. यही वजह है कि यहां के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है. ग्रामीणों ने शिकायत पत्र में कहा है कि उनके गांव में 1950 से चकबंदी नहीं हुई है. जिसके कारण गांव तक आने-जाने के लिए रास्ता नहीं हैं और न ही आज तक कोई सड़क या खडंजे का निर्माण कराया गया.
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उधर, नयाब तहसीलदार ग्रामीणों को मनाने में लगी रही, लेकिन ग्रामीण नहीं माने. वहीं, वीएलओ जगत पाल सिंह पर्ची के साथ गांव पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने पर्ची लेने से इनकार कर दिया.
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