बरेली: 1966 में आई फिल्म 'मेरा साया' का गाना 'झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में' सुनते ही लोग बरेली को झुमके वाली बरेली के नाम से पहचान जाते हैं और आज उस झुमके की तलाश भी खत्म हो गई, जिसका हम सभी को वर्षों से इंतजार था. बरेली में एनएच 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है, जहां एक विशाल झुमका लगाया गया है. शनिवार को उस झुमके का लोकार्पण केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया.
झुमका तिराहे का लोकार्पण
झुमका जो महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगाता है, झुमका जो गाने में आते ही गाने की शान बढ़ाता है. वही झुमका जब बरेली में लग जाए तो बरेली की पहचान बन जाता है. बरेली विकास प्राधिकरण और डॉ. केशव अग्रवाल के सहयोग से बरेली में एनएच 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है, जहां एक विशाल झुमका लगाया गया है. दिल्ली से आने वाले लोगों को ये झुमका देखने को मिलेगा और झुमका देखकर लोग एक बार सेल्फी लेने को जरूर मजबूर हो जाएंगे. शनिवार को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, कमिश्नर रणवीर प्रसाद, बीडीए उपाध्यक्ष दिव्या मित्तल और डॉ. केशव अग्रवाल ने मिलकर इसका लोकार्पण किया.
ऐसे लगाया गया झुमका
झुमका लगाने की शुरुआत फिल्म 'मेरा साया' के गाने 'झुमका गिरा रे' के सिल्वर जुबली यानी की 50 साल पूरे होने पर की गई थी. बरेली विकास प्राधिकरण की योजना थी की ये फिल्म अभिनेत्री साधना के लिए श्रद्धांजलि भी होगी, लेकिन झुमका लगाने के लिए इसमें लगने वाली लागत की वजह से ये नहीं लग सका क्योंकि बीडीए के पास इतना पैसा नहीं था, जिसके बाद शहर के लोगों से सहयोग मांगा गया. इसके बाद इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के मालिक डॉ. केशव अग्रवाल ने झुमका लगाने की जिम्मेदारी ली, जिसके बाद बीडीए के सहयोग से आखिरकार झुमका लगकर तैयार हो गया.
गौरतलब है की बरेली अपने आप में बहुत सारे इतिहास को समेटे हुए है. अहिक्षत्र का किला, जैन मंदिर, नाथ नगरी, बरेली का सुरमा, बरेली का मांझा, बरेली का फर्नीचर और बरेली की ज़री जरदोजी को पहचान दिलाने की जरूरत है.
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