बरेलीः बरेली नगर निगम में मुस्लिम मेयर बनने को लेकर बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के उलेमाओं ने बैठक कर इस बार मुस्लिम मेयर बनने का ऐलान किया है. मुस्लिम उलेमाओ का कहना है कि लंबे समय से बरेली नगर निगम में गैर मुस्लिम मेयर रहा है, जिसके कारण मुस्लिम इलाकों में सही से विकास नहीं होता है. इसी के चलते सभी मुसलमानों से अपील की है कि वो इस बार मुस्लिम उम्मीदवार मोहम्मद यूसुफ को वोट देकर मेयर बनाए.
बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात संगठन से जुड़े उलेमाओं ने नगर निगम के मेयर पद के चुनाव के लिए मुस्लिम उम्मीदवार को एक तरफा स्पॉट करने का ऐलान किया. मुस्लिम वोटरों से अपील करते हुए कहा कि इस बार बरेली के नगर निगम के मेयर पद पर मुस्लिम कैंडिडेट को जिताकर मुस्लिम का कब्जा कायम कराएं.
बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि 1989 से नगरपालिका को नगर निगम का दर्जा दिया गया. इसके बाद से लेकर आज तक यहां पर जितने मेयर बने वह सभी गैर मुस्लिम थे और कोई भी मुस्लिम अभी तक मेयर नहीं बना है. जबकि 3,37,000 मुस्लिम मतदाता हैं और इतनी बड़ी तादाद होने के बावजूद मुसलमान मेयर नहीं बन पाया है. इसलिए तमाम उलेमाओं ने यह फैसला किया है कि इस बार के बरेली नगर निगम के चुनाव में मुसलमान मेयर बनाएंगे और मुस्लिम उम्मीदवार के तौर पर नगर निगम के मेयर पद के बीएसपी के उम्मीदवार मोहम्मद यूसुफ हैं.
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि 'हम आज ऐलान कर रहे हैं कि बरेली नगर निगम मेयर पद के लिए मुस्लिम कैंडिडेट युसूफ का समर्थन कर रहे हैं. साथ ही तमाम मुसलमानों से अपील करते हैं कि वह मुस्लिम कैंडिडेट को अपना वोट देकर बरेली नगर निगम का मुस्लिम मेयर बनाकर उस पर मुस्लिम कब्जा करें'. उन्होंने बताया कि 'अभी तक जो भी गैर मुस्लिम मेयर बने हैं, उन्होंने मुस्लिम बस्तियों में विकास में भेदभाव किया है. विकास के काम में इंसाफ नहीं की गई और मुस्लिम मोहल्लों में गली, नाली, सड़क का काम नहीं कराया और वे कुछ इलाकों में ही विकास का काम करते रहे. अब यह पारदर्शिता बर्दाश्त नहीं है और यह नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं है.
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात रजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुसलमानों से अपील कर रहे हैं कि सभी एक हो जाएं तो कोई भी ताकत ऐसी नहीं है कि मोहम्मद यूसुफ को मुस्लिम मेयर बनाने से रोक सके. जब नगर निगम पर मुसलमानों का कब्जा होगा तो मुस्लिम मोहल्लों में अच्छे से अच्छे काम होंगे. 1989 से हिंदू मेयर बनते आ रहे हैं. पर, उन्होंने कभी हमारी तरफ ध्यान नहीं दिया. इसलिए अब हम सोचने पर और फैसला करने पर मजबूर हुए हैं. इसलिए हम फैसला किया है कि मुस्लिम मेयर बनाएंगे.
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