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बरेलीः उलेमाओं को ओवैसी के भड़काऊ बयान पर आया गुस्सा, दी ये नसीहत - असदुद्दीन उवैसी खुद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य

उत्तर प्रदेश के बरेली में ओवैसी के भड़काऊ बयान पर बरेलवी मसलक के उलेमा विरोध में खड़े हो गए हैं. उन्होंने ओवैसी पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया और भड़काऊ बयान नहीं देने की नसीहत भी दी.

ओवैसी के भड़काऊ बयान पर बरेलवी मसलक के उलेमा ने दी नसीहत
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Published : Nov 14, 2019, 5:18 PM IST

बरेलीः अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की बयानबाजी पर बरेलवी मसलक के उलेमा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उलेमा का कहना है कि ओवैसी बयानबाजी कर मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश में लगे हैं. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आना था, वो आ चुका है

ओवैसी के भड़काऊ बयान पर बरेलवी मसलक के उलेमा ने दी नसीहत

मौलाना रज़वी ने बताया कि दिल्ली में मुस्लिम संगठनों की बैठक हुई थी. उसमें सभी ने इस पर सहमति जताई थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम सभी मानेंगे. लेकिन फैसले के दो दिन बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने बयान से मुकरने लगा है. उन्हें असहमति ही जाहिर करनी थी, तो दिल्ली की बैठक में बोर्ड के नुमाइंदे ने सहमति का ऐलान क्यों किया था? असदुद्दीन ओवैसी खुद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हैं. हम उनको सलाह देना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान खुद समझदार और जागरूक है. उसको भड़काने की कोशिश न करें.

ओवैसी, हिन्दू और मुसलमानों के दरमियान खत्म हो रही नफरत, भाईचारे और कौमी एकता को नुकसान न पहुंचा रहे हैं. ओवैसी हैदराबाद के सांसद हैं. वे सिर्फ वहीं के लोगों के मसाइल की बात करें. ओवैसी आन्ध्रप्रदेश और तेलांगाना हुकूमत के मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की कभी चर्चा नहीं करते. मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि मस्जिद कहां बनेगी और उसका स्वरूप क्या होगा? इसको तय करने का अधिकार ओवैसी को नहीं है. इसलिए इस पर फिजूल की भाषणबाजी कर नफरत का माहौल न पैदा करें. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कहां बनेगी. इसका अधिकार बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी व हाजी महबूब अली को दिया है. ये दोनों लोग कौम और देश के हमदर्द हैं. यह फैसला इन दोनों लोगों के ऊपर छोड़ दिया जाना चाहिए.

आखिर उलेमा क्यों हुए ओवैसी के खिलाफ

हैदराबाद के सांसद व एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम समाज को अयोध्या में वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने को कहा है. इस पर ओवैसी ने मुस्लिम समाज को खैरात में जमीन नहीं देने जैसे भड़काऊ बयान दिए. इसके अलावा भी ओवैसी ने कई विवादास्पद टिप्पणियां कीं. इससे उलेमाओं में गुस्सा है.

बरेलीः अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की बयानबाजी पर बरेलवी मसलक के उलेमा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उलेमा का कहना है कि ओवैसी बयानबाजी कर मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश में लगे हैं. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आना था, वो आ चुका है

ओवैसी के भड़काऊ बयान पर बरेलवी मसलक के उलेमा ने दी नसीहत

मौलाना रज़वी ने बताया कि दिल्ली में मुस्लिम संगठनों की बैठक हुई थी. उसमें सभी ने इस पर सहमति जताई थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम सभी मानेंगे. लेकिन फैसले के दो दिन बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने बयान से मुकरने लगा है. उन्हें असहमति ही जाहिर करनी थी, तो दिल्ली की बैठक में बोर्ड के नुमाइंदे ने सहमति का ऐलान क्यों किया था? असदुद्दीन ओवैसी खुद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हैं. हम उनको सलाह देना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान खुद समझदार और जागरूक है. उसको भड़काने की कोशिश न करें.

ओवैसी, हिन्दू और मुसलमानों के दरमियान खत्म हो रही नफरत, भाईचारे और कौमी एकता को नुकसान न पहुंचा रहे हैं. ओवैसी हैदराबाद के सांसद हैं. वे सिर्फ वहीं के लोगों के मसाइल की बात करें. ओवैसी आन्ध्रप्रदेश और तेलांगाना हुकूमत के मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की कभी चर्चा नहीं करते. मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि मस्जिद कहां बनेगी और उसका स्वरूप क्या होगा? इसको तय करने का अधिकार ओवैसी को नहीं है. इसलिए इस पर फिजूल की भाषणबाजी कर नफरत का माहौल न पैदा करें. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कहां बनेगी. इसका अधिकार बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी व हाजी महबूब अली को दिया है. ये दोनों लोग कौम और देश के हमदर्द हैं. यह फैसला इन दोनों लोगों के ऊपर छोड़ दिया जाना चाहिए.

आखिर उलेमा क्यों हुए ओवैसी के खिलाफ

हैदराबाद के सांसद व एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम समाज को अयोध्या में वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने को कहा है. इस पर ओवैसी ने मुस्लिम समाज को खैरात में जमीन नहीं देने जैसे भड़काऊ बयान दिए. इसके अलावा भी ओवैसी ने कई विवादास्पद टिप्पणियां कीं. इससे उलेमाओं में गुस्सा है.

Intro:एंकर:-अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की बयानबाजी को लेकर बरेलवी मसलक के उलेमा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है । उलेमा का कहना है कि ओवैसी बयानबाजी कर मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश में लगे हैं । तन्जीम उलमा - ए - इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने एक बयान में कहा कि अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आना था वो आ चुका है 





Body:Vo1:-दिल्ली में मुस्लिम संगठनों की बैठक में सभी ने इस बात पर सहमति जताई थी कि सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देगा उसको हम मानेंगे । मगर फैसले के दो दिन बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने बयान से हटकर असहमति की बात करने लगा । अगर असहमति ही जाहिर करनी थी तो दिल्ली में हुई बैठक में बोर्ड के नुमाइंदे ने सहमति का ऐलान क्यों किया था । असदुद्दीन उवैसी खुद भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य है , हम उनको सलाह देना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान खुद समझदार और जागरूक है । उसको भड़काने की कोशिश न करें , 


बाइट:- मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी   (तन्जीम उलमा - ए - इस्लाम के महासचिव )


Vo2:- ओवैसी हिन्दू और मुसलमानों के दरमियान खत्म हो रही नफरत और भाई चारे व कौमी एकता को नुकसान न पहुंचाएं । ओवैसी हैदराबाद के सांसद हैं , तो सिर्फ वहीं के लोगों के मसाइल की बात करें ।  आन्ध्रप्रदेश व तिलंगाना हुकूमत की मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की कभी चर्चा नहीं करते । मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने आगे कहा कि मस्जिद कहा बनेगी और उसका स्वरूप क्या होगा इसको तय करने का अधिकार ओवैसी को नहीं है । इसलिए इस पर फिजूल की भाषणबाजी कर नफरत का माहौल न पैदा करें । 


(आखिर उलेमा क्यों हुए ओवैसी के खिलाफ) 

 हैदराबाद के सांसद व एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं । अब जब सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम समाज को अयोध्या में वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने को कहा है । ओवैसी ने इस पर कहा कि मुस्लिम समाज को खैरात में जमीन नहीं चाहिए । इसके अलावा भी ओवैसी ने कई विवादास्पद टिप्पणियां की थीं ।





Conclusion:Fvo:-सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कहां बनेगी इसका अधिकार बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी व हाजी महबूब अली को दिया है । ये दोनों लोग कौम और देश के हमदर्द है । यह फैसला इन दोनों लोगों के ऊपर छोड़ दिया जाना चाहिए ।


रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी,भारत बरेली।

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