बरेली: एक ताइक्वांडो और दूसरी बॉक्सिंग खिलाड़ी दोनों बहने आज दीपावली पर बेचने के लिए मिट्टी की मूर्ति और दीपक बना रही हैं, ताकि अच्छे से उनके घर भी दीपावली मन सके. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण इन दोनों ने खेलना छोड़ दिया और अपने पिता के पुश्तैनी काम में ही लग गई हैं. दरअसल, बरेली के बानखाने मोहल्ले के रहने वाले राकेश कुमार प्रजापति के 5 बच्चे हैं. राकेश कुमार प्रजापति अपने घर में मिट्टी के दीपक, मंदिर और मूर्तियां बनाकर बाजार में बेचने का काम करते हैं और इसी से उनका घर का चूल्हा जलता है.
कुछ साल पहले राकेश सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे और इसके चलते अब वे मेहनत का काम नहीं कर पाते हैं. ऐसे में घर में रहकर ही पुश्तैनी काम को कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं.
प्रजापति की सबसे बड़ी बेटी अंजलि प्रजापति बीए की पढ़ाई कर चुकी है और बॉक्सिंग में ऑल इंडिया लेवल पर खेलकर दो गोल्ड सहित तीन मेडल जीत चुकी है. लेकिन पिछले एक साल से आर्थिक तंगी के चलते उसने बॉक्सिंग छोड़ पुश्तैनी काम में ही जुटना सही समझा.
वहीं, दूसरी बेटी जयंती प्रजापति इंटर की छात्रा है और ताइक्वांडो में ओपन नेशनल में स्वर्ण पदक जीत चुकी है. इसके अलावा जिला स्तर पर भी ताइक्वांडो में कई मेडल हासिल कर चुकी है.
इसे भी पढ़ें - बरेली की अंशिका ने कलावा से लिखा रामायण के 501 पात्रों का नाम
लेकिन अब उसने खेल की दुनिया को इसलिए अलविदा कह दिया है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. सो अब अपनी बड़ी बहन के साथ मिलकर मिट्टी के दीये और मूर्तियां बनाकर बाजार में बेचने का काम करती है.
इधर, बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाली अंजलि प्रजापति कहती है कि वे बॉक्सिंग में अपना कैरियर बनाना चाहती थी, लेकिन उनके सामने आर्थिक तंगी से जूझता उनका परिवार है. इस हाल में खेल को जारी रखना मुश्किल है.
साथ ही बॉक्सिंग के लिए अच्छी डाइट की आवश्यकता होती है. पर उनके पिता के पास इतना पैसा नहीं कि वे अच्छी डाइट लेकर बॉक्सिंग के मैदान में उन्हें उतर सके. इसलिए उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ दिया है और अब घर में रहकर पिता के पुश्तैनी काम मिट्टी के दीपक और मूर्तियां बनाने में जुट गई हैं. इसके अलावा डिफेंस में नौकरी की तैयारी कर रही है.
वहीं, ताइक्वांडो में गोल्ड मेडल जीत चुकी जयंती भी घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण खेल छोड़कर पुश्तैनी काम में बड़ी बहन की मदद करती है. लेकिन आज भी अगर कोई इनकी मदद करें तो ये दोनों बहनें फिर से जिले और देश का नाम रोशन कर सकती हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप