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सोशल मीडिया पर उठी ब्लड की मांग, बरेली के अध्यापक ने रक्तदान कर बचाई जान

यूपी के बरेली जिले में एक अध्यापक ने अनजान मैसेज पर पहुंचकर रक्तदान किया, जिससे अस्पताल में भर्ती एक मरीज की जान बचाई जा सकी.

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Published : Jun 13, 2021, 10:39 AM IST

अध्यापक ने किया रक्तदान
अध्यापक ने किया रक्तदान

बरेली: जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अध्यापक योगेंद्र ने अनजान मैसेज पर आईएमए ब्लड बैंक पहुंचकर जरूरतमंद मरीज को अपना खून देकर जान बचाई. मरीज एक निजी अस्पताल में भर्ती है, जिसको ब्लड की जरूरत थी. लेकिन परिवार के लोग कुछ दिनों पहले ही कोरोना पॉजिटिव हुए थे.

बरेली के रहने वाले 63 वर्षीय देवेंद्र मोहन लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. देवेंद्र मोहन का इलाज बरेली के एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टरों ने मरीज देवेंद्र मोहन की जान बचाने के लिए तुरंत दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था करने की बात कही, जिसके बाद परिवार वालों ने पहले तो खुद ब्लड देने की सोंची, लेकिन कुछ दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव होने के चलते परिवार के लोग ब्लड नहीं दे सकते थे, जिसके बाद उनकी बेटी शैलेन्द्री ने सोशल मीडिया का सहारा लिया.

सोशल मीडिया पर भेजा गया मैसेज बरेली के ही रहने वाले हरेंद्र पटेल के पास पहुंचा. उन्होंने उस मैसेज को अपने मित्रों के ग्रुप में शेयर किया,जिसके बाद मरीज देवेंद्र मोहन को ब्लड देने के लिए अध्यापक योगेंद्र तैयार हो गए. ब्लड डोनेट करने वाले अध्यापक योगेंद्र गंगवार बताते हैं कि वह इससे पहले भी कई बार अंजान जरूरतमंद मरीजों को अपना ब्लड डोनेट कर चुके हैं. उनको लोगों की मदद करने में खुशी मिलती है.

बरेली: जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अध्यापक योगेंद्र ने अनजान मैसेज पर आईएमए ब्लड बैंक पहुंचकर जरूरतमंद मरीज को अपना खून देकर जान बचाई. मरीज एक निजी अस्पताल में भर्ती है, जिसको ब्लड की जरूरत थी. लेकिन परिवार के लोग कुछ दिनों पहले ही कोरोना पॉजिटिव हुए थे.

बरेली के रहने वाले 63 वर्षीय देवेंद्र मोहन लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. देवेंद्र मोहन का इलाज बरेली के एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टरों ने मरीज देवेंद्र मोहन की जान बचाने के लिए तुरंत दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था करने की बात कही, जिसके बाद परिवार वालों ने पहले तो खुद ब्लड देने की सोंची, लेकिन कुछ दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव होने के चलते परिवार के लोग ब्लड नहीं दे सकते थे, जिसके बाद उनकी बेटी शैलेन्द्री ने सोशल मीडिया का सहारा लिया.

सोशल मीडिया पर भेजा गया मैसेज बरेली के ही रहने वाले हरेंद्र पटेल के पास पहुंचा. उन्होंने उस मैसेज को अपने मित्रों के ग्रुप में शेयर किया,जिसके बाद मरीज देवेंद्र मोहन को ब्लड देने के लिए अध्यापक योगेंद्र तैयार हो गए. ब्लड डोनेट करने वाले अध्यापक योगेंद्र गंगवार बताते हैं कि वह इससे पहले भी कई बार अंजान जरूरतमंद मरीजों को अपना ब्लड डोनेट कर चुके हैं. उनको लोगों की मदद करने में खुशी मिलती है.

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