बरेलीः एक तरफ पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. देश के महापुरुषों को याद कर रहा है जिनकी बदौलत हम आजादी मिली, वहीं, आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर भी बरेली कॉलेज परिसर में महापुरुष महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया, स्वामी विवेकानंद और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं पिंजरे में बंद हैं. महापुरुषों की प्रतिमाओं को पिंजड़े में बन्द करने के पीछे कॉलेज प्रशासन सुरक्षा की बात को लेकर अपना अलग तर्क दे रहा है.
उत्तर प्रदेश के बरेली में सबसे बड़ा डिग्री कॉलेज बरेली कॉलेज है. यहां छात्र-छात्राएं स्नातक और परास्नातक जैसे तमाम कोर्सों के लिए पढ़ाई करते हैं, वहीं, बरेली कॉलेज परिसर में 4 महापुरुषों की प्रतिमाएं भी लगी हुई हैं. यह प्रतिमाएं वर्षों पहले कॉलेज प्रशासन के द्वारा बरेली कॉलेज परिसर में स्थापित की गई थी. इन प्रतिमाओं में देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, राम मनोहर लोहिया और संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अलग-अलग प्रतिमाएं लगी है. चारों महापुरुषों की प्रतिमाओं को कॉलेज प्रशासन के द्वारा वर्षों पहले से लोहे के पिंजरे में कैद करके ताले से बंद कर रखा गया है. 15 अगस्त के मौके पर कुछ घंटे के लिए इन्हें आजाद किया जाएगा. इस दौरान माल्यार्पण कर कुछ घंटे के लिए इन महापुरुषों की प्रतिमाओं के पिंजरे को खोलने का बाद इन्हें फिर से ताले में बंद कर दिया जाएगा.
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हालांकि बरेली कॉलेज परिसर में चारों महापुरुषों की प्रतिमाओं को पिंजरे में कैद करने को लेकर छात्र अपना विरोध भी प्रकट करते रहते हैं. कई बार कॉलेज के प्राचार्य को इस मामले में ज्ञापन भी दिया गया है कि प्रतिमाओं को पिंजरे बाहर निकाला जाए, लेकिन कॉलेज प्रशासन महापुरुषों की प्रतिमाओं की सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें ताले के अंदर ही रखने की बात कहते हैं . छात्र का कहना है कि पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है, तो वहीं बरेली कालेज प्रशासन ने हमारे महापुरुषों को पिंजरे में ताला लगा कर रखा है. महापुरुषों की प्रतिमाएं पिंजरे में कैद रखने को लेकर बरेली कालेज प्राचार्य डॉ. ओ. पी. का कहना है कि उसे पिंजरा मत कहिये, इसे सुरक्षा की दृष्टि से शरारती तत्वों से बचाने के लिए किया गया है.
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