बरेलीः जिले में अब किसी पुलिसकर्मी ने किसी से रिश्वत मांगी या रिश्वत ली या फिर किसी ने पुलिस के नाम पर कोई पैसा लिया तो अब उसकी खैर नहीं है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस विभाग में रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने के लिए आम जनता को व्हाट्सएप नंबर 7983881893 जारी कर शिकायत करने को कहा है. साथ ही शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी. इसके बाद जांच कर भ्रष्ट व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दअरसल, कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के चलते पुलिस विभाग की छवि धूमिल होती जा रही है. आए दिन पुलिसकर्मी की किसी न किसी मामले को लेकर रिश्वत लेने या मांगने की शिकायत सामने आती रहती हैं. इतना ही नहीं कभी-कभी कुछ और लोग भी पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों के नाम पर परेशान व्यक्ति से धन उगाही करने की कोशिश करते हैं. इन सब पर लगाम लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने एक व्हाट्सएप नंबर 7983881893 जारी किया है, जिसे कोई व्यक्ति अपनी लिखित शिकायत, वीडियो, फोटो व्हाट्सएप कर सकता है. उसकी शिकायत पर जांच के बाद आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. बता दें, कि इस नंबर पर शिकायतकर्ता को कॉल नहीं करनी है, सिर्फ व्हाट्सएप करना है.
एसएससी खुद करेंगे व्हाट्सएप नंबर की मॉनिटरिंग
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज जब से बरेली में आए हैं तब से लगातार पुलिस व्यवस्था को सुधारने में लगे हुए हैं. अब उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मन बनाते हुए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है और वह व्हाट्सएप नंबर खुद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास रहेगा. उस पर आने वाली शिकायतों की वह खुद ही मॉनिटरिंग करेंगे. इसके बाद उसकी जांच कराकर भ्रष्ट लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि आए दिन विवेचना में नाम निकालने के नाम पर, पासपोर्ट में रिपोर्ट लगाने के नाम पर, पीवीआर सीबीआर के सत्यापन व अन्य कई मामले को लेकर धन उगाही की शिकायतें आती रहती हैं. ऐसी शिकायतों को एक व्यवस्था में लाने के लिए आवश्यक है, सभी शिकायतों को सुने और उनका निस्तारण करें. साथ ही जो दोषी हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस दृष्टि से निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है. जिसका संचालन एसएसपी के द्वारा स्वयं किया जाएगा. इसमें अगर आप शिकायत करते हैं, तो उसकी जांच कराकर साक्ष्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं इसमें शिकायतकर्ता की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी.
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