बरेली: आज मदर्स डे है. वैसे तो हर दिन मां का होता है. फिर भी विश्व में मां के सम्मान में मदर्स डे हर साल मई महीने के दूसरे संडे को मनाया जाता है. आज के दिन लोग अलग-अलग तरीके से मां के प्रति अपने प्यार और सम्मान को दिखाते हैं. लेकिन वहीं दूसरी तरह हमारे समाज में ऐसे लोग भी हैं जो अपने बूढ़ें मां-बाप को वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं. मदर्स डे के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही एक वृद्धाश्रम जा पहुंची. इस वृद्धा आश्रम में कई मां थीं, जिन्हें उनके बच्चे छोड़ गए थे.
बरेली जिले में स्थित काशीधाम वृद्धाश्रम में इस वक्त 8 महिलाएं और 11 पुरूष हैं. जिन्हें अपनों की बेरूखी के कारण यहां रहना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए वृद्धाश्रम में रहने वाली दिव्या गुप्ता ने बताया कि वह महीनों से यहां रह रही हैं. बेटे और बहू से तंग आकर उन्होंने आश्रम आना ही बेहतर समझा. वहीं दूसरी वृद्धाश्रम में रहने वाली राजवती का कहना है कि बेटों के जुल्म के चलते वह वृद्धाश्रम आ पहुंची. इन माताओं की दर्द भरी दास्तां को सुनकर हमारी भी आंखें नम हो गयीं.
आखिर हम इस बात को कब समझेंगे कि जिस मां कि ममता में हम पले-बढ़े हैं, आज उसी मां को इस हाल में छोड़ देते हैं.
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