बरेली: जिले में इन दिनों हस्तशिल्प बाजार लगा है. इसमें न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से भी उद्यमी एवं शिल्पकार हस्तनिर्मित उत्पादों के साथ पहुंचे हैं. वहीं इन दिनों प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कोरोना महामारी के बढ़ने का प्रकोप भी लोगों को सताने लगा है. जिस उम्मीद से हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी में हुनरमंद पहुंचे हैं, वो रेस्पॉन्स उन्हें इस बार नहीं मिल रहा है. आय कम होने से विक्रेताओं में मायूसी छाई हुई है.
कोविड-19 महामारी के दौर में हर तरह के व्यवसाय को नुकसान पहुंचा है. हालांकि ऐसे में बरेली नगर स्थित अर्बन हाट में हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगाई गई, जिससे हस्तशिल्प व्यापारियों में एक नई उम्मीद जगी. लेकिन ठंड के साथ-साथ कोरोना के बढ़ रहे मामलों ने लोगों में खौफ भर दिया और कहीं न कहीं इसका असर व्यवसाय पर भी पड़ रहा है.
ग्राहकों की भारी कमी
बरेली में हस्तशिल्पियों के उत्पादों को मार्केट और बढ़ावा देने के लिए मंच तो मिला, लेकिन उसके बावजूद ग्राहकों की भारी कमी है. अब इसे कोरोना काल का असर कहें या फिर बढ़ती सर्दी, इस बार अर्बन हाट में आने वाले हस्तशिल्प कला के माहिरों को मायूसी ही हाथ लगी है.
ईटीवी भारत की टीम ने हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी पहुंचकर दुकानदारों से बातचीत की. सहारनपुर से आए व्यवसायी फरमान ने बताया कि वो पिछले 8 वर्ष से बरेली आ रहे हैं. लेकिन इतना खराब प्रदर्शन कभी नहीं रहा. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में करीब 8 माह बाद घर से इस उम्मीद से निकले थे कि ग्राहक उनके सामग्रियों से प्रभावित होंगे. लेकिन इस बार तो कोरोना की वजह से पूरे समय ग्राहकों का टोटा ही यहां बना रहा.
हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी में केरल से आई भारती नारियल तेल में जड़ी बूटियों को मिलाकर हेयर ऑयल तैयार करती हैं. वह पिछले काफी समय से बरेली आती रही हैं. बातचीत में उन्होंने बताया कि इस बार तो उन्हें यहां आने में नुकसान ही रहा है. भारती कहती हैं कि कोरोना और सर्दी की वजह से शायद ग्राहक घर से नहीं निकल रहे हैं.
प्रदर्शनी के समापन की तारीख टली
हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी में इस बार ग्राहकों के न आने से इसे आगे बढ़ाया गया है. प्रदर्शनी का समापन 6 दिसंबर को होना था लेकिन कोरोना काल में यहां की गई बेहतर व्यवस्थाओं को देखते हुए प्रदर्शनी अभी कुछ और दिन चलेगी, ताकि व्यापारियों की सामग्री को खरीददार मिल सकें.
कोरोना की वजह से यहां सभी बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं. बेहतर उत्पादों के साथ देश और प्रदेश के कोने-कोने से उद्यमी अपने उत्पादों को लेकर आए हैं.
-ऋषि रंजन गोयल, उपायुक्त, उद्योग