बरेली : बरेली जिले में सोमवार को अनुसूचित जनजाति की जनसभा आयोजित की गई थी. इस सभा को संबोधित करने यूपी के एससी/एसटी आयोग के चेयरमैन रामबाबू हरित पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला किया. अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा- अखिलेश यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने सबसे ज्यादा अनुसूचित जन जातियों पर अत्याचार किया था.
यूपी एससी/एसटी आयोग के चेयरमैन रामबाबू (UP SC/ST commission chairman Rambabu) ने राजनीतिक पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां सिर्फ विरोध करने के लिए हैं. विपक्षी पार्टियों के बारे में प्रदेश और देश की जनता बखूबी जानती है, जब वह सत्ता में आती हैं तो क्या करती हैं. रामबाबू ने कहा- अखिलेश यादव जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने सबसे ज्यादा अनुसूचित जन जातियों पर अत्याचार किया. हमारे समाज के जितने भी लोग सरकारी नौकरी कर रहे थे, उन्होंने उनका डिमोशन किया. इससे परेशान होकर कुछ लोगों ने आत्महत्या तक कर ली. कुछ लोग डिप्रेशन का शिकार हो गए. अनुसूचित जाति के लोगों में अखिलेश सरकार के खिलाफ अधिक गुस्सा है. बीजेपी की सरकार जिस भी प्रदेश में होती है, वहां किसी का कोई अहित नहीं होता.
बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी तंज कसते हुए चैयरमैन रामबाबू ने कहा- मायावती बाबा साहब का नाम लेकर सत्ता में आती हैं, लेकिन वह बाबा साहब की किसी नीति का खुद पर कोई पालन नहीं करती हैं. उनकी सरकार में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ. बसपा की सरकार में 8 हजार करोड़ रुपये का एनआरएचएम घोटाला (NRHM SCAM) हुआ, जिसमें उनका एक मंत्री भी जेल में है. मायावती अहंकारी नेता हैं. मायावती ने समाज का कोई भला नहीं किया. समाज इस बात को बखूबी समझ चुका है.
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चेयरमैन रामबाबू ने सबसे पहले पुलिस अफसरों से बैठक कर अनुसूचित जनजाति की लोगों की प्रगति रिपोर्ट मांगी. उसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए चेयरमैन रामबाबू ने कहा- प्रदेश में योगी सरकार द्वारा जो योजनाएं अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए चलाई जा रही हैं, उनके सही क्रियान्वयन को लेकर मैं बरेली आया हूं. गरीब लोगों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक करता हूं. चेयरमैन रामबाबू ने यह भी बताया कि मैं अपने समाज के लोगों से यह भी अपील करता हूं कि वह किसी के बहकावे में एक्ट का दुरुपयोग ना करें. अगर कहीं भी दुरुपयोग की स्थिति उत्पन्न होगी तो सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहयोग धनराशि की रिकवरी कराकर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
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