बरेलीः कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (India Jodo Yatra) की शनिवार को बरेली से शुरूआत हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद (Former Foreign Minister Salman Khurshid ) ने हरी झंडी दिखाकर भारत जोड़ो यात्रा को रवाना किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार को लेकर कहा कि देश खंडित हो रहा है. देश में दूरियां बढ़ रही है. चुनाव से ज्यादा जरूरी देश को जोड़ना है. चुनाव हारे या जीते ये जरूरी नहीं.
भारत जोड़ो यात्रा को हरी झंडी दिखाने बरेली पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने ईटीवी से बात करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Connect India Tour) के जरिए देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं. जिससे 10 सालों में देश में लोगो में दूरियां आई हैं, हम खंडित हुए हैं, चुनाव जीतने हारने से ज्यादा जरूरी देश को जोड़ना है.
सलमान खुर्शीद ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरिदित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiriditya Scindia) के उस बयान पर निशाना साधा जिसमे ज्योतिरिदित्य सिंधिया ने कहा है कि कांग्रेस अपना वजूद खो चुकी है. इस पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरिदित्य सिंधिया का जो वजूद कांग्रेस में था वो अब भाजपा में नहीं है. जो उनका भविष्य कांग्रेस में था वो अब भाजपा में नहीं है. ये बात वही कह सकता है जिसको भारतीय भूगोल की जानकारी न हो. आज भी देश के कई प्रांतों में भाजपा की सरकार नहीं है.
सलमान खुर्शीद ने कहा कि भाजपा अगर हिमाचल में फायदा उठाने की सोच रही है तो वो अपने मुंह पर कालिख पोतने का काम करेगी. हिमाचल में सीएम पद को लेकर चल रही उठापटक पर कहा की भाजपा को ये सोचना चाहिए की वो वहां चुनाव हारी है. उसे वहां पर उठापटक नहीं करनी चाहिए. उनके गवर्नर को भी ये चाहिए की वो हमें सरकार बनाने का मौका दें.
सलमान खुर्शीद ने G 20 की अध्यक्षता पर कहा कि G 20 की अध्यक्षता करने का मौका रोटेशन के जरिए मिला है. ऐसे में देखना ये है की प्रधानमंत्री पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता है. लेकिन मानसिकता में ऐसा न हो तो, अगर पूरा देश ये नहीं मानता है कि मोदी हमारा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पहले सभी पार्टियों के साथ बैठकर मोदी को बात करनी चाहिए. वहीं, गुजरात में हुई हार पर सलमान खुर्शीद ने कहा की हमारा वोट आप के पास चला गया. हारना चिंता का विषय नहीं है. बल्कि चिंता का विषय ये है कि हमारा वोट केजरीवाल के पास कैसे चला गया.