बरेली: कानपुर के बाद बर्ड फ्लू ने रुहेलखंड ने भी दस्तक दे दी है. पीलीभीत के पूरनपुर कस्बे शेरपुर कलां में रविवार को 60 से ज्यादा मुर्गियों की मौत हो गई थी. शवों की जांच के बाद आईवीआरआई लैब ने उनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि की है. वहीं आईवीआरआई के डॉक्टरों ने बरेली में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए सख्त निर्देश दिए हैं.
जारी की गई एडवाइजरी
वैज्ञानिकों का कहना है कि पीलीभीत जिले में बर्ड फ्लू के लक्षण मिलने के बाद अब बरेली मैं भी खतरा बना हुआ है. पोल्ट्रीफार्म में बर्ड फ्लू संक्रमण को रोकने के लिए केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) ने एडवाइजरी जारी कर दी है. पोल्ट्री फार्म में जैव सुरक्षा का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि आईवीआरआई के सेंटर फॉर एनिमल डिजीज रिसर्च एंड डायग्नोसिस (कैडरेड) में यूपी और उत्तराखंड से बर्ड फ्लू की जांच के लिए सैंपल आते हैं. अभी बरेली मंडल, कानपुर मंडल और वाराणसी मंडल के सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई में भेजे गए थे. कैडरेड में मौजूद बायो सेफ्टी लेवल (बीएसएल 3) लैब में बर्ड फ्लू के सैंपल की जांच कराई थी. पहले कानपुर मंडल के कुछ मुर्गियों के शवो में बर्ड फ्लू के लक्षण मिले थे. अब बरेली मंडल के पीलीभीत के पूरनपुर में भी मृत मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण मिले हैं.
जिंदा मुर्गियों की बिक्री पर रोक
केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान ने कर्ड बर्ड यानि की समय सीमा पार कर चुकी जिंदा मुर्गियों की बिक्री पर भी रोक लगा दी है. सीएआरआई के वैज्ञानिकों ने बताया कि बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. पोल्ट्रीफार्मर को फार्म पर बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगाने, बायो सिक्योरिटी मानकों का ख्याल रखने और पक्षियों की सेहत पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार फार्म पर दाना, पानी खुला न रखे और फार्म के आसपास रिफ्लेक्टर लगा दें, ताकि कोई पक्षी उड़कर फार्म में न पहुंचे