बरेली: जिले के विकासखंड सहसवान की ग्राम पंचायत मेवली में प्रधान पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप का जांच करने मंडल स्तर की टीम पहुंची. पांच सदस्यीय जांचकर्ताओं की टीम ने मंडल आयुक्त के निर्देश पर विकास कार्यों को बारीकियों से परखा. जांच के बाद इस मामले में कार्रवाई तय मानी जा रही है.
दरअसल, ग्राम पंचायत के प्रधान सुरेश शाक्य पर गांव निवासी मुनेंद्र गुप्ता ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला स्तर पर शिकायत की थी. जिला स्तर की टीम द्वारा की गई जांच पर शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हुआ और उसने मंडल स्तर पर उच्च अधिकारियों से शिकायत कर जांच करने की मांग की थी. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंडलायुक्त ने पांच सदस्य की टीम गठित कर जांच करने के निर्देश जारी कर दिए.
मंगलवार की दोपहर को टीम गांव का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंची. शिकायतकर्ता को साथ लेकर तमाम बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी. इस दौरान ग्रामीणों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया. जांच में ग्रामीणों के हंगामे के बाद पुलिस फोर्स को मौके पर बुला लिया गया. पुलिस टीम की मौजूदगी में टीम द्वारा बिंदुवार जांच की गई. जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के कई बिंदु सही साबित हुए. इसके बाद प्रधान पक्ष के लोगों ने शोर मचाना शुरू किया तो पुलिस ने कार्रवाई की चेतावनी देते हुए सभी को अलग कर दिया. फिलहाल, देर शाम तक जांच करने के बाद टीम वापस लौट गई.
हर जगह हुआ विवाद
जांच करने पहुंची टीम के सामने हर जगह विवाद हुआ. प्रधान द्वारा एक मंदिर के समीप दसवां घाट दर्शाया गया था, इसको लेकर शिकायतकर्ता ने गलत बताया. कई इंडिया मार्का हैंडपंप के रिबोर को लेकर भी ग्रामीणों द्वारा सवाल खड़े किए गए, लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है अफसरों द्वारा उनकी किसी भी बात की सुनवाई नहीं की गई.
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6 घंटे चली जांच नतीजा शून्य
गांव में दूसरी बार जांचकर्ताओं की टीम पहुंची थी. टीम द्वारा करीब 6 घंटे तक जांच की गई. कभी ग्रामीणों के हंगामे के बीच जांच का मामला अटक गया और कभी शिकायतकर्ता द्वारा संतुष्ट न होने पर, ऐसे में शिकायतकर्ता अफसरों की जांच से संतुष्ट नहीं हुआ एवं आगे प्रदेश स्तर पर शिकायत करने की बात कर रहा है.
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