बरेली: अगर आपका बच्चा भी मोबाइल में ऑनलाइन गेम खेलता है तो जरा संभल कर रहिए. कहीं ऐसा न हो कि जिन अनजान लोगों के साथ वह गेम चल खेल रहा है, उसी के बहकावे में आकर घर छोड़कर फरार हो जाए. जी हां उत्तर प्रदेश के बरेली में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां मोबाइल में ऑनलाइन गेम खेलने को दौरान हुई मुलाकात दोस्ती में बदल गई और फिर उसी के कहने पर 7वीं का छात्र अपना घर छोड़कर 300 किलोमीटर दूर श्रावस्ती वीडियो गेम वाले दोस्त से मिलने जा पहुंचा.
बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के रहने वाले अचल प्रकाश शर्मा मर्चेंट नेवी में नौकरी करते हैं. उनका 13 साल का बेटा वरदान सातवीं क्लास में पढ़ता है. छात्र रविवार की शाम को अचानक घर से निकला और फिर लौटकर नहीं आया. काफी देर तक जब वह लौटकर नहीं आया तो घर वालों ने बरेली के बारादरी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराकर वरदान की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने भी छात्र के लापता होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मोबाइल की लोकेशन के जरिए छात्र को ढूंढने का प्रयास किया. जिसके बाद पुलिस ने रविवार को श्रावस्ती से बरामद कर लिया और घरवालों को सकुशल सौंप दिया.
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह साजवान ने बताया कि सर्विलांस की जांच में पता चला कि छात्र वरदान अपने मोबाइल में पढ़ाई के दौरान ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेलता था. गेम खेलने के दौरान उसकी मुलाकात श्रावस्ती के रहने वाले लगमभ 14 साल के अरबाज से हुई. गेम पर हुई मुलाकात दोस्ती में बदल गई और दोनों एक दूसरे से बातचीत करने लगे. घर वालों को जब ऑनलाइन गेम के दौरान मिले दोस्त से बातचीत का पता चला तो उन्होंने छात्र वरदान को फटकार लगाई और मोबाइल में गेम खेलने, अजनबी दोस्तों से बात करने को मना किया.
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छात्र वरदान ने बताया कि ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान उसकी मुलाकात श्रावस्ती के अरबाज से हुई. जब उसके घरवालों ने मोबाइल में गेम खेलने के लिए मना किया और अजनबी दोस्तों से बात करने के मना कर दिया तो छात्र वरदान खतरनाक कदम उठाते हुए अपने दोस्त के कहने पर घर छोड़कर श्रावस्ती निकल गया. वरदान ने बताया कि उसके दोस्त अरबाज ने उसे एक अच्छा प्लेयर बनाने के साथ बड़े सपने दिखाकर अपनी बातों में फंसाया और फिर उसे बरेली से श्रावस्ती बुला लिया. जिसके बाद छात्र अरबाज के कहने पर वह रविवार की शाम को घर से निकलकर बरेली के सेटेलाइट बस अड्डे पहुंचा और फिर वहां से रोडवेज बस पकड़कर लखनऊ और उसके बाद लखनऊ से गोंडा होते हुए श्रावस्ती अरबाज के घर पहुंच गया था.