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पीएम मोदी का बड़ा कदम, बरेलवी उलेमाओं को सेना में देंगे नौकरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्संख्यकों के विकास पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. जिसके तहत अब वह बरेलवी उलेमाओं को सेना में नौकरी देंगे. वहीं इसको लेकर ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

मौलाना शहाबुद्दीन.
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Published : Jun 24, 2019, 5:08 PM IST

बरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोबारा सत्ता संभालते ही अल्पसंख्यक समुदाय पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. इसके तहत पहले अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप को बढ़ाकर 5 लाख किया गया. तो वहीं अब बरेली उलेमाओं को भी नौकरी देने की तैयारी पूरी कर ली गई है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते मौलाना शहाबुद्दीन.
सरकार ने मांगी लिस्ट
  • केंद्र सरकार ने देवबंद दारुल उलूम के बाद सुन्नी बरेलवी मसलक के उलेमाओं से संपर्क किया है.
  • केंद्र सरकार ने बरेलवी मसलक के 100 से ज्यादा आलिम, कामिलों की लिस्ट मांगी है.
  • ऐसे डिग्रीधारी लोगों को भारतीय सेना में धर्मगुरु बनाने की तैयारी शुरू हो गई है.
  • ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने सरकार के इस कदम की सराहना की.


मौलाना शहाबुद्दीन ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा,

  • केंद्र सरकार के दूत की हैसियत से सेना के जनरल देवबंद गए थे, इसका हम लोग स्वागत करते हैं.
  • सरकार की तरफ से ऐसा प्रस्ताव हमारे पास भी आया है, जिसमें सुन्नी सूफी उलेमाओं की भर्ती की बात है.
  • केंद्र सरकार की यह पहल उलेमाओं के लिए अच्छा मौका है.
  • पहली बार किसी सरकार ने यह फैसला लिया है.
  • इस मौके का फायदा उठाकर काबिल और सलाहियत उलेमा तरक्की करेंगे.


मौलाना ने पीएम मोदी को सराहा

  • मौलाना शहाबुद्दीन ने केंद्र की मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यक की हिमायती है.
  • सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास से सरकार अच्छा काम करेगी.
  • उन्होंने बताया कि करीब 100 लोगों की लिस्ट मांगी गई है, जो जल्द तैयार की जाएगी.

बरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोबारा सत्ता संभालते ही अल्पसंख्यक समुदाय पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. इसके तहत पहले अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप को बढ़ाकर 5 लाख किया गया. तो वहीं अब बरेली उलेमाओं को भी नौकरी देने की तैयारी पूरी कर ली गई है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते मौलाना शहाबुद्दीन.
सरकार ने मांगी लिस्ट
  • केंद्र सरकार ने देवबंद दारुल उलूम के बाद सुन्नी बरेलवी मसलक के उलेमाओं से संपर्क किया है.
  • केंद्र सरकार ने बरेलवी मसलक के 100 से ज्यादा आलिम, कामिलों की लिस्ट मांगी है.
  • ऐसे डिग्रीधारी लोगों को भारतीय सेना में धर्मगुरु बनाने की तैयारी शुरू हो गई है.
  • ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने सरकार के इस कदम की सराहना की.


मौलाना शहाबुद्दीन ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा,

  • केंद्र सरकार के दूत की हैसियत से सेना के जनरल देवबंद गए थे, इसका हम लोग स्वागत करते हैं.
  • सरकार की तरफ से ऐसा प्रस्ताव हमारे पास भी आया है, जिसमें सुन्नी सूफी उलेमाओं की भर्ती की बात है.
  • केंद्र सरकार की यह पहल उलेमाओं के लिए अच्छा मौका है.
  • पहली बार किसी सरकार ने यह फैसला लिया है.
  • इस मौके का फायदा उठाकर काबिल और सलाहियत उलेमा तरक्की करेंगे.


मौलाना ने पीएम मोदी को सराहा

  • मौलाना शहाबुद्दीन ने केंद्र की मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यक की हिमायती है.
  • सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास से सरकार अच्छा काम करेगी.
  • उन्होंने बताया कि करीब 100 लोगों की लिस्ट मांगी गई है, जो जल्द तैयार की जाएगी.
Intro:बरेली। पीएम मोदी ने दोबारा सत्ता संभालते ही अल्पसंख्यक समुदाय पर नज़रें इनायत की है। पहले अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप को बढ़ा कर 5 लाख किया। वहीं अब बरेली उलेमाओं के दिन बहुरने की तैयारी की है।

केंद्र सरकार ने देवबंद दारुल उलूम के बाद सुन्नी बरेलवी मसलक के उलेमाओं से संपर्क किया है।


Body:सरकार ने मांगी लिस्ट

केंद्र की मोदी सरकार ने बरेलवी मसलक के 100 से ज्यादा आलिम, कामिल लोगों की लिस्ट मांगी है। ऐसे डिग्रीधारी लोगों को भारतीय सेना में धर्मगुरु बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है। इस मामले पर जब तंज़ीम-उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस कदम को सराहनीय बताया।

शहाबुद्दीन के पास आई जानकारी

मौलाना शहाबुद्दीन ने बताया कि केंद्र सरकार के दूत की हैसियत से सेना के जनरल देवबंद गए थे। इसका हम लोग स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से ऐसा प्रस्ताव हमारे पास भी आया है जिसमें सुन्नी सूफी उलमा के भर्ती की बात है।

उलेमा के पास अच्छा मौका

मौलाना ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की यह पहल उलेमाओं के लिए अच्छा मौका है। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने यह फैसला लिया है। शहाबुद्दीन ने कहा कि इस मौके का फायदा उठाकर काबिल और सलाहियत उलेमा तरक्की करेंगे।

मौलाना ने पीएम मोदी को सराहा

मौलाना शहाबुद्दीन ने केंद्र की मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यक की हिमायती है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास से सरकार अच्छा काम करेगी। उन्होंने बताया कि करीब 100 लोगों की लिस्ट मांगी गई है। जो जल्द तैयार की जाएगी।


Conclusion:वैसे सेना में हर धर्म के लोग शामिल होते हैं । इस बार पीएम मोदी ने नहले पर दहला मारते हुए अल्पसंख्यक वर्ग को अपनी तरफ खींचने की भरपूर कोशिश की है।

अनुराग मिश्र

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