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Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी

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Published : Jun 13, 2021, 10:41 AM IST

स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वित ठीक से न हो पाने के चलते अब भी शहर में प्रत्येक चौक चौराहे पर न सिर्फ़ जाम देखने को मिलता है बल्कि पूरे शहर में धूल के गुबार भी देखे जा सकते हैं.

वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी

बरेली : देश के 100 प्रमुख शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना के तहत बरेली नगर निगम क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया था. इसके तहत शहर की ट्रांसपोर्ट, सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे सभी मुद्दों को इसमें शामिल किया गया था.

Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी

इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर जैसी योजनाएं इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए लागू की गयीं थीं. पर योजनाओं के परवान न चढ़ने से शहर के लोग आज भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के पूरा होने की राह देख रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस मामले की पड़ताल की. एक खास रिपोर्ट..

Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठीक बीचोबीच स्थित है बरेली शहर. धार्मिक महत्व का ये शहर यूपी के महत्वपूर्ण शहरों में शुमार होता है. बता दें कि हिन्दू इस शहर को जहां नाथ नगरी के नाम से पुकारते हैं, वहीं मुस्लिम इसे बरेली शरीफ कहते हैं. 2018 में इस शहर को केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के तौर पर सजाने व संवारने की घोषणा की थी. घोषणा के वर्षों बाद आज शहर के हालात बदतर हैं.
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
ईटीवी भारत ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर जाकर लोगों से बात की. साथ ही जो शहर के वर्तमान हालात हैं, उन पर लोगों की राय जानी. बता दें कि स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वित ठीक से न हो पाने के चलते अब भी शहर में प्रत्येक चौक चौराहे पर न सिर्फ़ जाम देखने को मिलता है बल्कि पूरे शहर में धूल के गुबार भी देखे जा सकते हैं.
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी

यह भी पढ़ें : बचा लीजिए एसएसपी साहब, मां-बाप मुझे जान से मार डालेंगे

शहरवासियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर यहां जगह-जगह खुदाई की गई. कहीं सीवर लाइन तो कहीं जलनिगम का काम तो कहीं अन्य काम को लेकर सड़कों को खोद दिया गया. सड़कों की बदतर स्थिति को लेकर आम लोगों में गुस्सा है. लोगों का कहना है कि कोरोनाकाल में अच्छा मौका था जब बाजार और मुख्य मार्ग पर आवाजाही कम थी. ऐसे में सड़कों से लेकर तमाम आवश्यक प्रोजेक्ट निपटाए जा सकते थे.

Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
उधर, केंद्रीय मंत्री व बरेली के सांसद संतोष गंगवार कहते हैं कि अभी हो सकता है एक से दो साल का समय और लग जाए. लेकिन उसके बाद बरेली की अपनी अलग पहचान होगी.
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
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इस बारे में नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने बताया कि काफी प्रोजेक्ट्स स्मार्ट सिटी के लिए चल रहे हैं लेकिन कोरोनाकाल में कुछ प्रोजेक्ट्स की रफ्तार धीमी हुई थी. फिर भी कई विकास के कार्य कराए गए. बताया कि इस बार तो अधिकारियों व कार्यदाई संस्थाओं को निर्देश दिए गए कि कोविड नियमों का पालन करते हुए सभी चल रहे प्रोजेक्ट्स को पूर्ण कराएं.

बरेली : देश के 100 प्रमुख शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना के तहत बरेली नगर निगम क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया था. इसके तहत शहर की ट्रांसपोर्ट, सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे सभी मुद्दों को इसमें शामिल किया गया था.

Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी

इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर जैसी योजनाएं इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए लागू की गयीं थीं. पर योजनाओं के परवान न चढ़ने से शहर के लोग आज भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के पूरा होने की राह देख रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस मामले की पड़ताल की. एक खास रिपोर्ट..

Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठीक बीचोबीच स्थित है बरेली शहर. धार्मिक महत्व का ये शहर यूपी के महत्वपूर्ण शहरों में शुमार होता है. बता दें कि हिन्दू इस शहर को जहां नाथ नगरी के नाम से पुकारते हैं, वहीं मुस्लिम इसे बरेली शरीफ कहते हैं. 2018 में इस शहर को केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के तौर पर सजाने व संवारने की घोषणा की थी. घोषणा के वर्षों बाद आज शहर के हालात बदतर हैं.
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
ईटीवी भारत ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर जाकर लोगों से बात की. साथ ही जो शहर के वर्तमान हालात हैं, उन पर लोगों की राय जानी. बता दें कि स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वित ठीक से न हो पाने के चलते अब भी शहर में प्रत्येक चौक चौराहे पर न सिर्फ़ जाम देखने को मिलता है बल्कि पूरे शहर में धूल के गुबार भी देखे जा सकते हैं.
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी

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शहरवासियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर यहां जगह-जगह खुदाई की गई. कहीं सीवर लाइन तो कहीं जलनिगम का काम तो कहीं अन्य काम को लेकर सड़कों को खोद दिया गया. सड़कों की बदतर स्थिति को लेकर आम लोगों में गुस्सा है. लोगों का कहना है कि कोरोनाकाल में अच्छा मौका था जब बाजार और मुख्य मार्ग पर आवाजाही कम थी. ऐसे में सड़कों से लेकर तमाम आवश्यक प्रोजेक्ट निपटाए जा सकते थे.

Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
उधर, केंद्रीय मंत्री व बरेली के सांसद संतोष गंगवार कहते हैं कि अभी हो सकता है एक से दो साल का समय और लग जाए. लेकिन उसके बाद बरेली की अपनी अलग पहचान होगी.
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
Bareilly : वर्षों पहले शुरू हुईं योजनाएं पर अब तक 'स्मार्ट' नहीं बन सकी सिटी
इस बारे में नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने बताया कि काफी प्रोजेक्ट्स स्मार्ट सिटी के लिए चल रहे हैं लेकिन कोरोनाकाल में कुछ प्रोजेक्ट्स की रफ्तार धीमी हुई थी. फिर भी कई विकास के कार्य कराए गए. बताया कि इस बार तो अधिकारियों व कार्यदाई संस्थाओं को निर्देश दिए गए कि कोविड नियमों का पालन करते हुए सभी चल रहे प्रोजेक्ट्स को पूर्ण कराएं.
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