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बरेली: महाभारत कालीन ऐतिहासिक पीलिया नदी का होगा जीर्णोद्धार

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Published : May 28, 2020, 7:44 AM IST

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में गुरु द्रोणाचार्य का गांव कहे जाने वाले गुरगामा में विलुप्त हो चुकी, महाभारत काल की ऐतिहासिक पीलिया नदी को पुनर्जीवित करने का फैसला लिया गया है. पूर्व सिंचाई मंत्री व आंवला से बीजेपी विधायक धर्मपाल सिंह ने की इसकी शुरुआत की है.

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पीलिया नदी के जीर्णोद्धार का काम शुरू.

बरेली: जिले में पूर्व सिंचाई मंत्री व आंवला से बीजेपी विधायक धर्मपाल सिंह ने महाभारत कालीन ऐतिहासिक पीलिया नदी को पुनर्जीवित करने की शुरुआत की है. यह नदी पूरी तरह से विलुप्त हो गई थी. उसे अब गुरु द्रोणाचार्य के गांव गुरगामा से पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है. इसके जीर्णोद्धार के लिए विधायक ने फावड़ा लेकर सबसे पहले नदी की खुदाई की शुरुआत की.

पीलिया नदी के जीर्णोद्धार का काम शुरू.

विधायक ने किया कन्या पूजन
विधायक धर्मपाल सिंह ने नदी को पुनर्जीवित करने के लिए पहले कन्या पूजन किया. कन्याओं को भोजन कराया और फिर फावड़ा लेकर खुदाई शुरू की. विधायक ने श्रमदान के जरिए विलुप्त हो चुकी 11 किलोमीटर की महाभारत कालीन ऐतिहासिक पीलिया नदी को फिर से जीवित करने के लिए यह कदम उठाया है. विधायक अगले 15 दिनों तक ग्रामीणों के साथ मिलकर नदी को पुनर्जीवित करने का काम करेंगे और गांव में ही टेंट लगाकर रहेंगे.

पीलिया नदी को किया जाएगा पुनर्जीवित
दरअसल आंवला एक ऐतिहासिक नगर है, जो महाभारत कालीन तमाम सभ्यताओं से जुड़ा हुआ है. यहां के अधिकतर गांव के नाम भी भगवान और ऋषि मुनियों के नाम पर रखे गए है. आंवला में ही अहिक्षत्र का किला है, ऐसी मान्यता है अज्ञातवास के समय द्रौपदी पांचों पांडवों के साथ इसी किले में रहा करती थीं. इतिहास में आंवला को पांचाल नगरी भी कहा जाता था, यहां पर महाभारत कालीन लिलौर झील भी है

बरेली: जिले में पूर्व सिंचाई मंत्री व आंवला से बीजेपी विधायक धर्मपाल सिंह ने महाभारत कालीन ऐतिहासिक पीलिया नदी को पुनर्जीवित करने की शुरुआत की है. यह नदी पूरी तरह से विलुप्त हो गई थी. उसे अब गुरु द्रोणाचार्य के गांव गुरगामा से पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है. इसके जीर्णोद्धार के लिए विधायक ने फावड़ा लेकर सबसे पहले नदी की खुदाई की शुरुआत की.

पीलिया नदी के जीर्णोद्धार का काम शुरू.

विधायक ने किया कन्या पूजन
विधायक धर्मपाल सिंह ने नदी को पुनर्जीवित करने के लिए पहले कन्या पूजन किया. कन्याओं को भोजन कराया और फिर फावड़ा लेकर खुदाई शुरू की. विधायक ने श्रमदान के जरिए विलुप्त हो चुकी 11 किलोमीटर की महाभारत कालीन ऐतिहासिक पीलिया नदी को फिर से जीवित करने के लिए यह कदम उठाया है. विधायक अगले 15 दिनों तक ग्रामीणों के साथ मिलकर नदी को पुनर्जीवित करने का काम करेंगे और गांव में ही टेंट लगाकर रहेंगे.

पीलिया नदी को किया जाएगा पुनर्जीवित
दरअसल आंवला एक ऐतिहासिक नगर है, जो महाभारत कालीन तमाम सभ्यताओं से जुड़ा हुआ है. यहां के अधिकतर गांव के नाम भी भगवान और ऋषि मुनियों के नाम पर रखे गए है. आंवला में ही अहिक्षत्र का किला है, ऐसी मान्यता है अज्ञातवास के समय द्रौपदी पांचों पांडवों के साथ इसी किले में रहा करती थीं. इतिहास में आंवला को पांचाल नगरी भी कहा जाता था, यहां पर महाभारत कालीन लिलौर झील भी है

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