बरेलीः प्रेम नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले फोर्थ क्लास कर्मचारी अरुण कुमार सक्सेना ने सूदखोर से परेशान होकर आत्महत्या कर अपनी जान दे दी. अरुण कुमार का गुनाह बस इतना था कि उन्होंने 2005 में मां के इलाज के लिए पप्पू वाल्मीकि से एक लाख रुपये दस प्रतिशत ब्याज पर उधार लिये थे. अरुण कुमार सक्सेना की मौत के बाद घर में कोहराम मच हुआ है. पुलिस ने आठ लोगों के नाम मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
2005 में उधार ली थी रकम
भुड़ कन्या महाविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात अरुण कुमार सक्सेना ने 2005 में मां के इलाज के लिए जाटव पुरा के रहने वाले पप्पू वाल्मीकि से एक लाख रुपए दस प्रतिशत ब्याज पर उधार लिये थे. पप्पू से उधार लेने के बाद अरुण लगातार सूदखोरों को पैसा देते रहे पर सूदखोरों की ब्याज के आगे अरुण कुमार अपना कर्जा नहीं उतार पाए. जिसके चलते आए दिन सूदखोर अरुण कुमार सक्सेना को परेशान करने लगे.
दबंगों ने कब्जा रखी थी बैंक पासबुक
अरुण कुमार सक्सेना की बेटी मुस्कान ने बताया की सूदखोर आए दिन उसके पापा को धमकाते थे, जिससे परेशान होकर पापा ने जान दे दी. मृतक अरुण कुमार सक्सेना के परिवार वालों की माने तो दबंग सूदखोरों ने अरुण कुमार की बैंक खाते की पासबुक और एटीएम अपने कब्जे में ले रखा था, जिसके चलते बैंक खाते में आने वाला पैसा सूदखोरी निकाल लिया करते थे.
सूदखोरों के खिलाफ चला रखा है ऑपरेशन मुक्ति
बरेली रेंज के आईजी राजेश कुमार पांडे ने सूदखोरों के चुंगल से लोगों को निजात दिलाने के लिए बरेली के चारों जिलों में ऑपरेशन मुक्ति चला रखा है. उसके बाद भी अरुण कुमार को पुलिस से न्याय नहीं मिला. एसपी सिटी रविंद्र कुमार का कहना है कि अगर थाना स्तर से किसी की लापरवाही हुई है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल इस मामले में हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है.
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