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'सड़क नहीं तो वोट नहीं', भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों ने MLA को सुनाई खरीखोटी

बरेली ब्लॉक के शेरगढ़ स्थित अमृता-उमरेती गांव में विकास कार्य नहीं होने पर 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' का बोर्ड लगाकर जनप्रतिनिधियों का विरोध किया गया. जब जनप्रतिनिधि गांव की सुध लेने नहीं पहुंचे तो नाराज ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी. बाद में गांव पहुंचे क्षेत्रीय विधायक बहोरन लाल मौर्य का ग्रामीणों ने विरोध किया तो विधायक ने 55 लाख रुपये से सड़क बनवाने का आश्वासन देकर भूख हड़ताल खत्म कराई.

भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
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Published : Sep 16, 2021, 6:39 PM IST

बरेली: विकास कार्यों का दावा करने वाली भाजपा सरकार में विकास कार्य न होने से ग्रामीणों ने भूख हड़ताल कर विरोध शुरू कर दिया. विधायक और सांसद के वादों को याद दिलाते हुए भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों के प्रतिरोध का प्रतिनिधियों को सामना भी करना पड़ा. मामला बरेली ब्लॉक के शेरगढ़ स्थित गांव अमृता-उमरेती का है. यहां, ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक गांव में विकास कार्य शुरू नहीं होगें, तब तक धरना जारी रहेगा. उन्होंने कहा 'सड़क नहीं तो वोट नहीं'. ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन और भूख हड़ताल की जानकारी मिलते ही खलबली मच गई.

55 लाख से मरहम

ग्रामीणों का विरोध और भूख हड़ताल की बात सुनकर विधायक बहोरन लाल मौर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल के प्रतिनिधि प्रशांत पटेल अमृता-उमरेती गांव पहुंचे. उनके साथ भोजीपुरा थाने से दो गाड़ी फोर्स भी पहुंची. हालांकि, विधायक के पहुंचने पर ग्रामीण भड़क गए और विधायक का विरोध शुरू दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व में भी विधायक समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया, लेकिन वह गांव में झांकने तक नहीं आए. पिछले सात दिन से ग्रामीण धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले तो सड़क किनारे 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' का बोर्ड लगाकर विरोध शुरू किया , लेकिन विधायक समेत किसी भी जनप्रतिनिधि ने सुध नहीं ली. इससे खपा ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू की.

ग्रामीणों ने विधायक का किया विरोध.

ग्रामीणों का आरोप है कि लंबे समय से सड़क बनाने की मांग उठ रही है. लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने सड़क बनवाने की जहमत नहीं उठायी. इसलिए भूख हड़ताल पर बैठकर अपनी मांग उठाई जा रही है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और विकास कार्यों के नाम पर औपचारिकताएं की गई हैं. कई बार विकास कार्य कराए जाने की मांग की गई है, लेकिन मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण परेशान हैं, लेकिन ग्रामीणों की सुनने को कोई तैयार नहीं है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई न हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.

बहरहाल, जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि प्रशांत पटेल ने 30 दिन में अमृता गांव से कठर्रा गांव नैनीताल फोरलेन तक लिंक रोड बनवाने का आश्वासन दिया. पुख्ता आश्वासन मिलने पर ग्रामीणों ने भूख हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया. विधायक और प्रशांत पटेल ने ग्रामीण विपिन गंगवार को दूध पिलाकर हड़ताल खत्म कराई.

विधायक ने खत्म कराई भूख हड़ताल.
विधायक ने खत्म कराई भूख हड़ताल.

इसे भी न पढ़ें- Ground Report: रोड नहीं तो वोट नहीं, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान

विधायक बहोरन लाल ने कहा कि इस क्षेत्र की तीन सड़कों का एस्टीमेट बनाया गया है. अमृता गांव से जो सड़क कुठर्रा गांव होते हुए हाईवे तक बनेगी. उसकी लंबाई करीब 1210 मीटर है. अमृता-उमरती गांवों की कुल आबादी-3500 है.

बरेली: विकास कार्यों का दावा करने वाली भाजपा सरकार में विकास कार्य न होने से ग्रामीणों ने भूख हड़ताल कर विरोध शुरू कर दिया. विधायक और सांसद के वादों को याद दिलाते हुए भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों के प्रतिरोध का प्रतिनिधियों को सामना भी करना पड़ा. मामला बरेली ब्लॉक के शेरगढ़ स्थित गांव अमृता-उमरेती का है. यहां, ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक गांव में विकास कार्य शुरू नहीं होगें, तब तक धरना जारी रहेगा. उन्होंने कहा 'सड़क नहीं तो वोट नहीं'. ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन और भूख हड़ताल की जानकारी मिलते ही खलबली मच गई.

55 लाख से मरहम

ग्रामीणों का विरोध और भूख हड़ताल की बात सुनकर विधायक बहोरन लाल मौर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल के प्रतिनिधि प्रशांत पटेल अमृता-उमरेती गांव पहुंचे. उनके साथ भोजीपुरा थाने से दो गाड़ी फोर्स भी पहुंची. हालांकि, विधायक के पहुंचने पर ग्रामीण भड़क गए और विधायक का विरोध शुरू दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व में भी विधायक समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया, लेकिन वह गांव में झांकने तक नहीं आए. पिछले सात दिन से ग्रामीण धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले तो सड़क किनारे 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' का बोर्ड लगाकर विरोध शुरू किया , लेकिन विधायक समेत किसी भी जनप्रतिनिधि ने सुध नहीं ली. इससे खपा ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू की.

ग्रामीणों ने विधायक का किया विरोध.

ग्रामीणों का आरोप है कि लंबे समय से सड़क बनाने की मांग उठ रही है. लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने सड़क बनवाने की जहमत नहीं उठायी. इसलिए भूख हड़ताल पर बैठकर अपनी मांग उठाई जा रही है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और विकास कार्यों के नाम पर औपचारिकताएं की गई हैं. कई बार विकास कार्य कराए जाने की मांग की गई है, लेकिन मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण परेशान हैं, लेकिन ग्रामीणों की सुनने को कोई तैयार नहीं है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई न हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.

बहरहाल, जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि प्रशांत पटेल ने 30 दिन में अमृता गांव से कठर्रा गांव नैनीताल फोरलेन तक लिंक रोड बनवाने का आश्वासन दिया. पुख्ता आश्वासन मिलने पर ग्रामीणों ने भूख हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया. विधायक और प्रशांत पटेल ने ग्रामीण विपिन गंगवार को दूध पिलाकर हड़ताल खत्म कराई.

विधायक ने खत्म कराई भूख हड़ताल.
विधायक ने खत्म कराई भूख हड़ताल.

इसे भी न पढ़ें- Ground Report: रोड नहीं तो वोट नहीं, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान

विधायक बहोरन लाल ने कहा कि इस क्षेत्र की तीन सड़कों का एस्टीमेट बनाया गया है. अमृता गांव से जो सड़क कुठर्रा गांव होते हुए हाईवे तक बनेगी. उसकी लंबाई करीब 1210 मीटर है. अमृता-उमरती गांवों की कुल आबादी-3500 है.

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