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2021 को लेकर लोगों में उत्साह, 2020 के लिए बोले- न आये अब कोई ऐसा साल

नूतन वर्ष 2021 को लेकर हर किसी की जुबां पर बस यही है कि ईश्वर उन्हें अब पिछले साल 2020 में जो कुछ उन्होंने देखा और झेला अब उससे उभरा जा सके. ईटीवी भारत ने भी लोगों से नव वर्ष की पूर्व संध्या पर उनके खट्टे मीठे अनुभव जाने. देखें रिपोर्ट-

मीडिया से बातचीत करते स्थानीय लोग.
मीडिया से बातचीत करते स्थानीय लोग.
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Published : Jan 1, 2021, 10:54 AM IST

बरेली: कोरोना वायरस ने 2020 में हर किसी को प्रभावित किया. नूतन वर्ष 2021 को लेकर हर किसी की जुबां पर बस यही है कि ईश्वर उन्हें अब पिछले साल 2020 में जो कुछ उन्होंने देखा और झेला अब उससे उभरा जा सके. ईटीवी भारत ने भी लोगों से नव वर्ष की पूर्व संध्या पर उनके खट्टे मीठे अनुभव जाने. हर किसी सिर्फ यही कामना की है कि देश दुनिया में अमन-चैन सुख शांति बनी रहे.


देश और दुनिया ने कोरोना संक्रमण की वजह से 2020 में काफी उतार-चढ़ाव देखे. वर्ष 2020 में जहां कुछ ने अपनों के जाने का दंश झेला, तो वहीं व्यापार से लेकर रोजगार तक प्रभावित हुआ. अब हर कोई 2020 के समाप्त होते होते उन सभी बातों को भूलना भी चाहता है. लोग नए साल के शुरुआत के साथ ही फिर एक बार उठ खड़े होकर पूरे उत्साह से 2021 का स्वागत करने के लिए तैयार हैं.

2021 को लेकर क्या बोले बरेली वासी.
न आए 2020 जैसा वक्त दोबारा

ईटीवी भारत ने युवाओं, बुद्धिजीवियों व आम जनता से बातचीत की. शहरवासियों ने बताया कि जिस तरह से महा त्रासदी का वर्ष 2020 लोगों ने झेला, अब ऐसा कोई साल जीवन में ना आए. ऐसी ईश्वर से वो कामना करते हैं. इतना ही नहीं लोगों ने 2020 में आए संकटों को भी गिनाया.

संकट से भरा रहा साल 2020

कोरोना नियमों के चलते लोग एक दूसरे के सुख दुख तक में भी शामिल तक नहीं हो पाए , इस बात का लोगों में मलाल भी दिखा. देश में ही नहीं दुनिया में हर जगह ये साल सिर्फ जीवन सुरक्षित रखने को लेकर ही हर किसी के लिए केंद्रित रहा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान युवाओं ने बताया कि लोगों में कहीं ना कहीं मायूसी भी पूरे साल छाई रही, लोगों को अपने रोजगार से भी हाथ धोना पड़ रहा.

नए साल में बदलाव की उम्मीद

युवाओं ने बताया कि वैश्विक महामारी से हर क्षेत्र में मंदी का दौर बना रहा. जीवन में अव्यवस्थाएं उभरकर सामने आईं, लेकिन अब 2021 को लेकर एक बार लोग सिर्फ यही कहते दिखे कि यह वर्ष अब बदलाव का वर्ष है और उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर सभी उठ खड़े होंगे. गौरतलब है कि दुनिया में काफी उतार-चढ़ाव 2020 में देखने को मिले थे. आर्थिक मंदी से लेकर आम आदमी को संक्रमण से बचना मुश्किल हो गया था. लेकिन यह साल वह सिखा गया जिसकी लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी.


अब कोई आपदा न आए

बरेली कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर नीरजा ने बताया कि कोरोना ने पूरे जीवन को प्रभावित किया. हर वर्ग, समुदाय से लेकर देश-दुनिया को प्रभावित किया, लेकिन ये वक्त रुकने का नहीं बल्कि आगे बढ़ने का है. उन्होंने बताया कि पूर्व में हुई कुछ भविष्यवाणीयों पर गौर करें तो 2021 भी काफी कठिन माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो तो ईश्वर से यही प्रार्थना करती हैं कि भाईचारा बना रहे. देश तरक्की करे और कोई आपदा न आए.

2020 में लोग लगातार आए थे आगे

डॉक्टर दीप्ति भारद्वाज ने बताया कि भले ही कोरोना ने लोगों को घरों में कैद कर दिया हो, लेकिन रिश्तों में बहुत मजबूती आई है. वो मानती हैं कि लोगों ने अपनो के साथ बैठ करके अपने लिए जीना भी इस संकटकाल में सीखा है. उन्होंने बताया कि कम संसाधनों में कैसे खुश रह जाये, वो भी इस वैश्विक महामारी ने 2020 में सिखाया है. लोगों ने बढ़कर प्रवासी मजदूरों के लिए सेवा के कार्य किये ये भी अहम रहा. एक राजनीतिक पार्टी से ताल्लुक रखने वाले पार्षद गौरव सक्सेना कहते हैं कि वो तो ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि ऐसा समय द्वारा न देखना पड़े.

बरेली: कोरोना वायरस ने 2020 में हर किसी को प्रभावित किया. नूतन वर्ष 2021 को लेकर हर किसी की जुबां पर बस यही है कि ईश्वर उन्हें अब पिछले साल 2020 में जो कुछ उन्होंने देखा और झेला अब उससे उभरा जा सके. ईटीवी भारत ने भी लोगों से नव वर्ष की पूर्व संध्या पर उनके खट्टे मीठे अनुभव जाने. हर किसी सिर्फ यही कामना की है कि देश दुनिया में अमन-चैन सुख शांति बनी रहे.


देश और दुनिया ने कोरोना संक्रमण की वजह से 2020 में काफी उतार-चढ़ाव देखे. वर्ष 2020 में जहां कुछ ने अपनों के जाने का दंश झेला, तो वहीं व्यापार से लेकर रोजगार तक प्रभावित हुआ. अब हर कोई 2020 के समाप्त होते होते उन सभी बातों को भूलना भी चाहता है. लोग नए साल के शुरुआत के साथ ही फिर एक बार उठ खड़े होकर पूरे उत्साह से 2021 का स्वागत करने के लिए तैयार हैं.

2021 को लेकर क्या बोले बरेली वासी.
न आए 2020 जैसा वक्त दोबारा

ईटीवी भारत ने युवाओं, बुद्धिजीवियों व आम जनता से बातचीत की. शहरवासियों ने बताया कि जिस तरह से महा त्रासदी का वर्ष 2020 लोगों ने झेला, अब ऐसा कोई साल जीवन में ना आए. ऐसी ईश्वर से वो कामना करते हैं. इतना ही नहीं लोगों ने 2020 में आए संकटों को भी गिनाया.

संकट से भरा रहा साल 2020

कोरोना नियमों के चलते लोग एक दूसरे के सुख दुख तक में भी शामिल तक नहीं हो पाए , इस बात का लोगों में मलाल भी दिखा. देश में ही नहीं दुनिया में हर जगह ये साल सिर्फ जीवन सुरक्षित रखने को लेकर ही हर किसी के लिए केंद्रित रहा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान युवाओं ने बताया कि लोगों में कहीं ना कहीं मायूसी भी पूरे साल छाई रही, लोगों को अपने रोजगार से भी हाथ धोना पड़ रहा.

नए साल में बदलाव की उम्मीद

युवाओं ने बताया कि वैश्विक महामारी से हर क्षेत्र में मंदी का दौर बना रहा. जीवन में अव्यवस्थाएं उभरकर सामने आईं, लेकिन अब 2021 को लेकर एक बार लोग सिर्फ यही कहते दिखे कि यह वर्ष अब बदलाव का वर्ष है और उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर सभी उठ खड़े होंगे. गौरतलब है कि दुनिया में काफी उतार-चढ़ाव 2020 में देखने को मिले थे. आर्थिक मंदी से लेकर आम आदमी को संक्रमण से बचना मुश्किल हो गया था. लेकिन यह साल वह सिखा गया जिसकी लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी.


अब कोई आपदा न आए

बरेली कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर नीरजा ने बताया कि कोरोना ने पूरे जीवन को प्रभावित किया. हर वर्ग, समुदाय से लेकर देश-दुनिया को प्रभावित किया, लेकिन ये वक्त रुकने का नहीं बल्कि आगे बढ़ने का है. उन्होंने बताया कि पूर्व में हुई कुछ भविष्यवाणीयों पर गौर करें तो 2021 भी काफी कठिन माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो तो ईश्वर से यही प्रार्थना करती हैं कि भाईचारा बना रहे. देश तरक्की करे और कोई आपदा न आए.

2020 में लोग लगातार आए थे आगे

डॉक्टर दीप्ति भारद्वाज ने बताया कि भले ही कोरोना ने लोगों को घरों में कैद कर दिया हो, लेकिन रिश्तों में बहुत मजबूती आई है. वो मानती हैं कि लोगों ने अपनो के साथ बैठ करके अपने लिए जीना भी इस संकटकाल में सीखा है. उन्होंने बताया कि कम संसाधनों में कैसे खुश रह जाये, वो भी इस वैश्विक महामारी ने 2020 में सिखाया है. लोगों ने बढ़कर प्रवासी मजदूरों के लिए सेवा के कार्य किये ये भी अहम रहा. एक राजनीतिक पार्टी से ताल्लुक रखने वाले पार्षद गौरव सक्सेना कहते हैं कि वो तो ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि ऐसा समय द्वारा न देखना पड़े.

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