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डॉ राजेंद्र सिंह पुंडीर को कला भूषण सम्मान मिलने पर लोगों ने दीं बधाइयां

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Published : Feb 28, 2021, 5:01 PM IST

राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र सिंह पुंडीर को कला भूषण सम्मान दिया गया. सम्मान मिलने पर उन्हें बरेली के लोगों ने शुभकामनाएं दीं. उनको सम्मान मिलने से जिले में खुशी का माहौल है.

डॉ राजेंद्र सिंह पुंडीर को मिला भूषण सम्मान
डॉ राजेंद्र सिंह पुंडीर को मिला भूषण सम्मान

बरेली: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान संस्कृत विभाग द्वारा राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र सिंह पुंडीर को कला भूषण सम्मान दिया गया. इसके लिए संस्कार भारती बरेली और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पदाधिकारियों ने उन्हें बधाई दी.

यह भी पढ़ें: रोजगार मेले में 10 हजार युवाओं को मिली नौकरी

बरेली कॉलेज के चित्रकला विभागाध्यक्ष भी रहे हैं डॉक्टर पुंडीर

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कवि रोहित राकेश ने बताया कि डॉक्टर पुंडीर बरेली कॉलेज के चित्रकला विभाग के विभागाध्यक्ष रहे हैं. उन्होंने बताया कि डॉक्टर पुंडीर ने कला उन्नयन के विकास के लिए 51 विद्यार्थियों को शोध कराया है. इतना ही नहीं 23 विद्यार्थी उनके निर्देशन में नेट भी पास कर चुके हैं.


साहित्यप्रेमियों में खुशी का माहौल

इस मौके पर बरेली कॉलेज के प्रोफेसरों और साहित्य प्रेमियों में खुशी का माहौल है. गौरतलब है कि शिक्षक रहते हुए कई सेमिनार और कला प्रदर्शनी का आयोजन भी डॉक्टर राजेन्द्र पुंडीर ने किया था. इतना ही नहीं प्रदेश के कई युवा कलाकारों की चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन भी उनके द्वारा किया जा चुका है.

बेहद एक्टिव हैं डॉक्टर राजेंद्र पुंडीर

डॉक्टर राजेंद्र पुंडीर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विभिन्न अनुशांगिक संगठनों के दायित्व पर भी रहे हैं. आपातकाल में वे जेल भी जा चुके हैं. अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत के अध्यक्ष साहित्य भूषण सुरेश बाबू मिश्रा ने बताया कि राज्य ललित कला के अध्यक्ष होने पर पुंडीर ने वहां आमूल चूल परिवर्तन किया और अपने संकल्प के अनुसार अकादमी की गतिविधियों को हर जिले में पहुंचाया. डॉक्टर पुंडीर के कार्यकाल में 175 कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जबकि कोविड 19 के दौरान घर पर ही रहकर कलाकारों से चित्र निर्माण करवाया. कला के क्षेत्र में बेबीनार शब्द का प्रयोग सबसे पहले डॉ पुंडीर ने ही किया था.

कला भूषण सम्मान पाने वाले पहले शख्स

बरेली कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ एनएल शर्मा ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 70 वर्षों में किसी भी कलाकार को चेयरमैन नहीं बनाया गया था और न ही कला भूषण पुरस्कार किसी को दिया गया था. डॉ पुंडीर को प्रथम बार कला भूषण सम्मान मिलने पर सभी ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित कीं. इस मौके पर साहित्य प्रेमियों ने सम्मान मिलने पर सरकार का आभार भी जताया. आचार्य देवेंद्र देव, डॉ रंजन विशद, डॉ राम बाबू सिंह, डॉ रवि प्रकाश शर्मा, डॉ सूरज साहू, डॉ नितिन सेठी, डॉ एसपी मौर्य आदि ने भी शुभकामनाएं दीं.

बरेली: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान संस्कृत विभाग द्वारा राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र सिंह पुंडीर को कला भूषण सम्मान दिया गया. इसके लिए संस्कार भारती बरेली और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पदाधिकारियों ने उन्हें बधाई दी.

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बरेली कॉलेज के चित्रकला विभागाध्यक्ष भी रहे हैं डॉक्टर पुंडीर

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कवि रोहित राकेश ने बताया कि डॉक्टर पुंडीर बरेली कॉलेज के चित्रकला विभाग के विभागाध्यक्ष रहे हैं. उन्होंने बताया कि डॉक्टर पुंडीर ने कला उन्नयन के विकास के लिए 51 विद्यार्थियों को शोध कराया है. इतना ही नहीं 23 विद्यार्थी उनके निर्देशन में नेट भी पास कर चुके हैं.


साहित्यप्रेमियों में खुशी का माहौल

इस मौके पर बरेली कॉलेज के प्रोफेसरों और साहित्य प्रेमियों में खुशी का माहौल है. गौरतलब है कि शिक्षक रहते हुए कई सेमिनार और कला प्रदर्शनी का आयोजन भी डॉक्टर राजेन्द्र पुंडीर ने किया था. इतना ही नहीं प्रदेश के कई युवा कलाकारों की चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन भी उनके द्वारा किया जा चुका है.

बेहद एक्टिव हैं डॉक्टर राजेंद्र पुंडीर

डॉक्टर राजेंद्र पुंडीर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विभिन्न अनुशांगिक संगठनों के दायित्व पर भी रहे हैं. आपातकाल में वे जेल भी जा चुके हैं. अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत के अध्यक्ष साहित्य भूषण सुरेश बाबू मिश्रा ने बताया कि राज्य ललित कला के अध्यक्ष होने पर पुंडीर ने वहां आमूल चूल परिवर्तन किया और अपने संकल्प के अनुसार अकादमी की गतिविधियों को हर जिले में पहुंचाया. डॉक्टर पुंडीर के कार्यकाल में 175 कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जबकि कोविड 19 के दौरान घर पर ही रहकर कलाकारों से चित्र निर्माण करवाया. कला के क्षेत्र में बेबीनार शब्द का प्रयोग सबसे पहले डॉ पुंडीर ने ही किया था.

कला भूषण सम्मान पाने वाले पहले शख्स

बरेली कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ एनएल शर्मा ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 70 वर्षों में किसी भी कलाकार को चेयरमैन नहीं बनाया गया था और न ही कला भूषण पुरस्कार किसी को दिया गया था. डॉ पुंडीर को प्रथम बार कला भूषण सम्मान मिलने पर सभी ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित कीं. इस मौके पर साहित्य प्रेमियों ने सम्मान मिलने पर सरकार का आभार भी जताया. आचार्य देवेंद्र देव, डॉ रंजन विशद, डॉ राम बाबू सिंह, डॉ रवि प्रकाश शर्मा, डॉ सूरज साहू, डॉ नितिन सेठी, डॉ एसपी मौर्य आदि ने भी शुभकामनाएं दीं.

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