बरेली: चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. भारत भी उससे अछूता नहीं रहा, जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. अब जब अनलॉक-1 में दुकानें फिर से खुलनी चालू हो गई हैं तो इससे भारतीय बाजार में रौनक वापस दिखने लगी है. वहीं चीन से आने वाला माल अभी पूरी तरह से बंद हैं, जिसकी कमी भारतीय बाजारों में साफ देखी जा सकती है.
'स्वदेशी' पर लोगों का फोकस
चीन जिस प्रकार से भारतीय सीमा में लगातार घुसपैठ करके आंख दिखा रहा है, उससे कहीं न कहीं भारतीयों के मन में चीन में बने सामानों के प्रति मोह कम होता दिखाई दे रहा है. लोग दुकानों पर मोबाइल खरीदने जा रहे हैं तो वे चीन में बने मोबाइलों को लेने से बच रहे हैं और दुकानदारों से भारतीय मोबाइलों के बारे में ज्यादा जानकारी ले रहे हैं. ग्राहकों का कहना है कि अब हमें स्वदेशी की ओर ज्यादा फोकस करना है और भारत में बना सामान ज्यादा लेना है, जिससे देश मजबूत बन सके.
भारतीय मोबाइल की ब्रिकी दर 25 प्रतिशत बढ़ी
दुकान मालिक नरेंद्र राणा का कहना है कि पहले के समय भारतीय मोबाइल की बिक्री दर 10 से 15 प्रतिशत तक रहती थी, लेकिन जबसे कोरोना जैसी महामारी चीन से आई है, तब से सभी प्रकार का आयात बंद कर दिया गया है. अब तो सिर्फ इंडिया मेड मोबाइल ही बिक रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से चीन आंख दिखा रहा है, उससे लोगों के दिलो-दिमाग पर चीन के मोबाइलों का प्रभाव कम होता दिखाई दे रहा है, उसका नतीजा साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अब भारत में बनने वाले मोबाइलों की बिक्री दर 25 प्रतिशत बढ़ गई है.
'मेड इन चाइना नहीं, मेड इन इंडिया मोबाइल चाहिए'
दुकान मालिक नरेंद्र सिंह राणा ने बताया कि जो ग्राहक पहले चीन में बने मोबाइलों की मांग करते थे, आज वही सैमसंग, माइक्रोमैक्स और लावा जैसी कंपनियों को फिर से पूछ रहे हैं. अब तो विदेशी कम्पनियों ने अपनी फैक्ट्रियां भारत में ही लगा ली है. सारे मोबाइल भारत में ही बनते हैं, जिसमें सैमसंग की मांग खासा है. अब ग्राहक मोबाइल लेता है तो यही कहता है कि हमें चाइना का नहीं, इंडिया मेड मोबाइल ही चाहिए.
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दुकानदार ढूंढ रहे विकल्प
दरअसल, अभी हाल ही में मेरठ में मोबाइल कंपनियों पर एफआईआर हुई है, जिसके बाद लोगों के दिलों दिमाग पर अब चीन के मोबाइलों का प्रभाव कम होता दिखाई दे रहा है. बरेली में भी लोग भारतीय मोबाइल के बारे में ज्यादा जानकारियां ले रहे हैं. वहीं दुकानदार भी अब मेड इन चाइना मोबाइल का विकल्प ढूंढने में लगे हैं, क्योंकि बाजार में अधिकतर चाइना में तैयार मोबाइलों का प्रभाव ज्यादा है.