बरेली: क्या आप सोच सकते हैं कि जेल की चारदीवारी के अंदर बंद कैदी अपने परिजनों से टेलीफोन पर बातचीत करते होगे? और वह भी सप्ताह में एक दो बार नहीं बल्कि पांच बार? शायद आप ना कहेंगे. लेकिन, बरेली के जेल प्रशासन ने जेल में बंद कैदियों के लिए एक अनोखी पहल की है. बरेली की सेंट्रल जेल में लगे पीसीओ के माध्यम से जेल में बंद कैदी अपने परिजनों से सप्ताह में 5 बार बात कर सकते हैं और उनका हाल-चाल जान सकते हैं. जेल प्रशासन की इस मुहिम से कैदियों में डिप्रेशन की समस्या काफी हद तक कम हुई है और वह अपने परिजनों से लगातार संपर्क में बने रहते हैं.
जेल में बंद कैदियो को बेहतर माहौल देने और घर वालों से लगातार संपर्क बना रहे उसके लिए जेल प्रशासन की तरफ से बरेली की सेंट्रल जेल में पीसीओ लगाया गया है. जिससे सेंट्रल जेल में सजा काट रहे बंदी अपने परिजनों से सप्ताह में 5 बार बात कर उनका हाल-चाल जान रहे हैं. जेल प्रशासन की इस पहल से जहां जेल में बंद कैदियों के डिप्रेशन की समस्या काफी हद तक कम हुई है तो वहीं उनमें खुशी का माहौल भी है.
उत्तर प्रदेश की सेंट्रल जेलों में अधिकतर सजा पाए कैदियों को रखा जाता है. कुछ कैदियों के परिजन उनसे मुलाकात करने नहीं आ सकते और कुछ कैदियों के परिजन कई महीने बीतने के बावजूद भी उनसे मिलने जेल नहीं आते. जिसके चलते कैदी डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं और इस डिप्रेशन के चलते वे आत्मघाती कदम भी उठा लेते हैं.
कैदियों को डिप्रेशन से उभारने के लिए और परिजनों से लगातार संपर्क बना रहे इसके लिए बरेली की सेंट्रल जेल प्रशासन ने एक अनोखी पहल की है. बरेली की सेंट्रल जेल में बंद कैदियो के लिए एक पीसीओ लगाया गया है, जिसमें 17 टेलीफोन बूथ है. इन टेलीफोन के माध्यम से बरेली की सेंट्रल जेल में बंद कैदी सप्ताह में 5 बार अपने परिजनों से बातचीत कर उनका हाल जान सकते हैं और अपनी समस्या अथवा अपने केस के संबंध में भी जानकारी दे सकते हैं.
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पीसीओ लगने के बाद काफी हद तक खुश हैं बंदी
बरेली की सेंट्रल जेल में एक पीसीओ लगाया गया है. इसमें 17 टेलीफोन बूथ हैं. जेल में लगे टेलीफोन के माध्यम से बरेली की सेंट्रल जेल में बंद कैदी अपने परिजनों की तरफ से दिए गए दो नंबरों पर सप्ताह में 5 बार बातचीत करते हैं. इससे उनका परिवार के साथ लगातार संपर्क बना रहता है और डिप्रेशन की समस्या भी उन्हें नहीं आती. पिछले कोरोना काल में जब जेल में मुलाकात बंद हो गई थी उस दौरान बरेली की सेंट्रल जेल में लगे इस पीसीओ से जेल में बंद कैदियों के परिजनों से लगातार संपर्क बनाए रखने का काम किया गया था. मुलाकात ना होने के बावजूद कैदी लगातार अपने परिजनों के संपर्क में रहे.
स्मार्ट कार्ड के द्वारा बात करते है बंदी
बरेली की सेंट्रल जेल में लगे इस पीसीओ से बात करने के लिए जेल में बंद कैदियों को एक स्मार्ट कार्ड दिया गया है. इस स्मार्ट कार्ड में बंदियों के घरवालों के दो नंबर रजिस्टर्ड हैं. उन नंबरों पर ही कैदी बात कर सकते हैं. बरेली सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरएन पांडे ने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और जेल प्रशासन के उच्च अधिकारियों की पहल हमेशा रहती है कि जेल में बंद कैदियों को बेहतर माहौल दिया जा सके. इसी के तहत जेल प्रशासन की तरफ से बरेली सेंट्रल जेल में एक पीसीओ लगाकर 17 टेलीफोन बूथ लगाए गए हैं.
सेंट्रल जेल के डिप्टी जेलर प्रशांत कुमार ने बताया कि बरेली के सेंट्रल जेल में अधिकतर अदालत की सजा पाए कैदी रहते हैं और उनमें से अधिकतर के परिजन बरेली से काफी दूर रहते हैं. ऐसे में हर मुलाकात पर उनका आना संभव नहीं होता, जिसके चलते कभी-कभी कुछ बंदी अपने परिजनों से संपर्क न होने पर परेशान होने लगते हैं. लेकिन जब से बरेली की सेंट्रल जेल में पीसीओ लगा है तब से जेल के बंदी अपने परिजनों से लगातार संपर्क में हैं.
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