बरेली: अगर आप रिटायर्ड कर्मचारी हैं और आपके पास कोई ट्रेजरी ऑफिस का कर्मचारी बनकर आपसे पेंशन संबंधी जानकारी मांगता है तो सावधान हो जाएं. ऐसा न हो जिसे आप सरकारी कर्मचारी समझ रहे हों वह ठग निकले और आपको चूना लगा दे. जी हां बरेली में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पुलिस विभाग से रिटायर्ड हेड कांस्टेबल के खाते से एक दिन में 31 बार में 7,75,000 रुपये ठगों ने उड़ा लिए.
बरेली के सुभाष नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले ओमप्रकाश पुलिस विभाग से हेड कांस्टेबल के पद से रिटायर्ड हैं. उनकी रिटायरमेंट की जमा पूंजी बैंक खाते में जमा है. ओमप्रकाश ने बताया कि 10 जून को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई और फोन करने वाले ने खुद को ट्रेजरी का बाबू बताकर ओमप्रकाश से उनके पेंशन संबंधी डाटा डिलीट होने की बात कही. शातिर ठग ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी को झांसा देकर कहा कि आपकी पेंशन न रुके इसलिए फिर से पेंशन संबंधी जानकारी देना जरूरी है. ठग की बातों में आकर ओमप्रकाश ने अपने खाता संबंधी और ओटीपी की जानकारी उससे साझा कर दी. हर बार ठग उससे ओटीपी गलत होने की बात कहकर बार-बार ओटीपी की जानकारी लेते रहे और ओमप्रकाश के खाते से शातिर ठग ने 31 बार में 7,75,000 रुपये खाते से निकाल लिए.
ओमप्रकाश के खाते से पैसे कटने का मैसेज जब उनके मोबाइल नंबर पर आया तो उसे देखकर उनके होश उड़ गए. जब तक वह कुछ समझ पाते तब तक शातिर ठग उन्हें लाखों की चपत लगा चुके थे. ठगी का एहसास होने के बाद उन्होंने अपने बेटे की मदद से बैंक खाते को होल्ड करा दिया, जिसके बाकी की रकम ठग नहीं निकाल पाए.
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान से ओमप्रकाश ने लिखित रूप में इसकी शिकायत की है. पुलिस ने जिसके बाद साइबर सेल को ठगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह साजवान ने बताया कि किसी भी अनजान व्यक्ति के द्वारा की गई कॉल पर विश्वास नहीं करना चाहिए. न ही अपनी बैंक ओटीपी संबंधी कोई जानकारी शेयर करनी चाहिए. फिलहाल पुलिस पूरी कोशिश में है कि ठगे गए पैसे उन्हें वापस मिल जाएं और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.