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बरेली: जिले में तेजी से पैर पसार रहा एड्स, आंकड़ा तीन हजार के पार

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले छह महीनों में एड्स के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. वहीं 2018 तक करीब दो हजार आठ सौ एड्स के मरीजों का रेजिस्ट्रेशन हुआ था.

मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विनीत कुमार शुक्ल.
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Published : Jul 31, 2019, 11:53 PM IST

बरेली: जनपद में एड्स से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस साल अभी तक 200 से अधिक एड्स के मरीजों की पहचान सामने आई है. वहीं बात अगर पूरे जिले की करें तो यह आंकड़ा तीन हजार के पार पहुंच गया है.

एड्स के मरीजों में बढ़ोतरी.

एड्स के मरीजों में बढ़ोतरी-

  • सरकार समय-समय पर एड्स के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है.
  • अभियान के बावजूद भी एड्स के मरीजों की संख्या में वृद्धि होना काफी चौंकाने वाला है.
  • जिले के महाराणा प्रताप जिला चिकित्सालय में एड्स की निगरानी के लिए एक एआरटी सेंटर भी बनाया गया है.
  • 2018 तक करीब दो हजार आठ सौ एड्स के मरीजों का रेजिस्ट्रेशन हुआ था.
  • इस साल लगभग पिछले छह महीनों में एडस के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है.

तीन हजार से ज्यादा एड्स के मरीजों की पहचान हुई है. अब लोग एड्स के प्रति जागरूक हो गए हैं और इलाज करवा कर रहे हैं. लोगों को पता है कि अब एड्स का इलाज संभव है, इसलिए वह इलाज करवा रहे हैं. पहले लोग एड्स होने पर अपनी बीमारी को छिपाते थे.
-डॉ. विनीत कुमार शुक्ल, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी

बरेली: जनपद में एड्स से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस साल अभी तक 200 से अधिक एड्स के मरीजों की पहचान सामने आई है. वहीं बात अगर पूरे जिले की करें तो यह आंकड़ा तीन हजार के पार पहुंच गया है.

एड्स के मरीजों में बढ़ोतरी.

एड्स के मरीजों में बढ़ोतरी-

  • सरकार समय-समय पर एड्स के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है.
  • अभियान के बावजूद भी एड्स के मरीजों की संख्या में वृद्धि होना काफी चौंकाने वाला है.
  • जिले के महाराणा प्रताप जिला चिकित्सालय में एड्स की निगरानी के लिए एक एआरटी सेंटर भी बनाया गया है.
  • 2018 तक करीब दो हजार आठ सौ एड्स के मरीजों का रेजिस्ट्रेशन हुआ था.
  • इस साल लगभग पिछले छह महीनों में एडस के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है.

तीन हजार से ज्यादा एड्स के मरीजों की पहचान हुई है. अब लोग एड्स के प्रति जागरूक हो गए हैं और इलाज करवा कर रहे हैं. लोगों को पता है कि अब एड्स का इलाज संभव है, इसलिए वह इलाज करवा रहे हैं. पहले लोग एड्स होने पर अपनी बीमारी को छिपाते थे.
-डॉ. विनीत कुमार शुक्ल, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी

Intro:बरेली। जिले के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। दरअसल बात यह है कि जिले में एड्स से पीड़ित मरीजों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है। इस साल अभी तक 200 से अधिक मरीजों की पहचान सामने आई है। वहीं बात अगर पूरे जिले की करें तो यह आंकड़ा 3 हज़ार के पार पहुंच गया है।


Body:सरकार लगातार चला रही अभियान जैसा कि सभी को पता है कि एड्स घातक और जानलेवा बीमारी है। इसका कोई उपचार नहीं है। इसी वजह से सरकार समय-समय पर एड्स के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से लगातार अभियान भी चलाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के लिए खतरे की घंटी सरकार द्वारा लगातार चलाये जा रहे अभियान के बावजूद भी एड्स मरीजों की संख्या में वृद्धि होने काफी चौंकाने वाला है। कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। जिला अस्पताल में बनाया गया है सेंटर जिले के महाराणा प्रताप जिला चिकित्सालय में इसकी निगरानी के लिए एक एआरटी सेंटर भी बनाया गया है जो मरीजों के साथ-साथ सभी तरह की डिटेल्स इकट्ठा करता है। रिकॉर्ड पर नज़र डालें तो 2018 तक करीब 2800 एड्स के मरीजों का रेजिस्ट्रेशन हुआ है। इस साल तेज़ी से बढ़ी संख्या इस साल के 6 महीनों पर एक नज़र डालें तो ऐसे मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इस मसले पर जब मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल से बात की तो उन्होंने इसके पीछे का एक अजीब कारण बताया। उन्होने कहा कि अभी तक 3 हज़ार से ज्यादा मरीजों की पहचान हुई है। वहीं इस साल की छमाही तक करीब 275 मरीज़ प्रकाश में आये हैं। उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह जागरूकता बढ़ना भी है। अब लोग ज्यादा जागरूक हो गए हैं। इसलिए यह संख्या बढ़ रही है। बचाव के लिए उठा रहे कदम डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल ने बचाव के बारे में बताया कि हम और हमारा स्वास्थ्य विभाग लगातार बचाव के तरीकों की जानकारियां दे रहे हैं। फिर भी यह चिंता की बात है।


Conclusion:एड्स एक लाइलाज बीमारी है। बचाव ही इस बीमारी से दूर रख सकता है। लेकिन इन आंकङों ने सारे दावे फेल कर दिए हैं। अनुराग मिश्र 9450024711 8318122246
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