बरेलीः एक समय था जब एक-दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड से बधाई देने का विशेष ही उत्साह होता था. पर्वों, त्यौहारों और तमाम विशेष आयोजनों पर लोग एक-दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड देते थे. क्रिसमस और नववर्ष जैसे आयोजन पर तो बाजार में इनकी जमकर बिक्री होती थी. अब बाजार से यह कार्ड गायब से होते जा रहे हैं. बरेली जिले में ईटीवी भारत ने इसके चलन से बाहर होने की वजहों की पड़ताल की.
बाजार के हाल
बरेली के बटलर पैलेस में एक समय था कि सभी नामी गिरामी ग्रीटिंग कार्ड के स्टोर्स यहां हुआ करते थे. अब वो गैलरी बंद हो चुकी है. जो गिफ्ट शॉप हैं, वहां भी ग्रीटिंग कार्ड नहीं दिखाई देते. इस बारे में शहर के अलग-अलग स्थानों पर दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया, ग्रीटिंग कार्ड को चलन से बाहर करने का सबसे बड़ा कारण रहा. अब लोग सोशल मीडिया पर ही बधाई दे देते हैं.
आउट ऑफ फैशन हुआ ग्रीटिंग कार्ड देने का चलन
लंबे समय तक ग्रीटिंग कार्ड्स के कारोबार से जुड़े रहे इशांत खुराना कहते हैं कि अब तो ये आउट ऑफ फैशन हो चुका है. उन्होंने कहा कि अब तो इन बधाई संदेशों को भेजने के लिए लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, कई गिफ्ट गैलरी संचालकों ने बताया कि नववर्ष से ठीक पहले व क्रिसमस पर्व के चलते दुकानों पर अपनी पसंद के बधाई संदेश खरीदने के लिए लोगों की भीड़ जुटती थी. क्रिसमस से लेकर नववर्ष तक गिफ्ट गैलरी पर सबसे ज्यादा कारोबार इन बधाई संदेशों का ही होता था.
सोशल मीडिया ग्रीटिंग कार्ड पर पड़ा भारी
दुकानदारों ने बताया कि सोशल मीडिया जैसे-जैसे हावी हो रहा है कार्डों को लोग भूल रहे हैं. अब मोबाइल पर ही बधाई संदेश भेज देते हैं. सूचना क्रांति की वजह से अब हर हाथ में एंड्रॉयड मोबाइल फोन पहुंच रहे हैं. साथ ही भागदौड़ भरा जीवन भी एक कारण है. कार्ड देने के लिए मिलना जरूरी है. अब लोगों के पास एक-दूसरे से मिलने का समय कम होता है, ऐसे में लोग मोबाइल फोन पर ही बधाई संदेश देकर काम चलाते हैं.