बरेली: यूपी में जनसंख्या को स्थिर करने के लिए पिछले दिनों सीएम योगी के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण नीति का एलान किया गया था. अब इसके समर्थन मुस्लिम समाज की महिलाएं भी आ रही हैं. आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान ने इसका समर्थन किया है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आज के समय में जनसंख्या नियंत्रण करना किसी एक व्यक्ति या समाज की जिम्मेदारी नहीं है. देश की बढ़ती जनसंख्या हमारे लिए खतरा बन सकती है. इसे रोकने के लिए जरूरी है कि हर धर्म, समाज के लोग इसमें सहयोग करें. आज सरकारें जनसंख्या नियंत्रण के लिए कई योजनाएं चला रही हैं. उन योजनाओं का लाभ लेकर इसमें सहयोग करना होगा.
तीन तलाक पीड़िताओं की लड़ाई लड़ रहीं निदा खान ने बताया कि योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए जो नीति लाई है. वह काफी सराहनीय है. अगर महिलाओं के पास सिर्फ दो बच्चे होंगे तो वे उनका पालन-पोषण अच्छे से कर सकेंगी. ज्यादा बच्चे होने से उनकी परवरिश ठीक से नहीं हो पाती और न ही बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल पाती है.
निदा का मानना है कि एक तरफ से देखा जाए तो बच्चे कम होने से चहुंमुखी विकास परिवार का हो सकता है. हम एक अच्छे समाज की तरफ जा रहे हैं. जनसंख्या नियंत्रण नीति के विरोध पर निदा का कहना है कि जब भी अच्छी पहल की जाती है तो उसका विरोध होना मामूली सी बात है. तीन तलाक कानून बनने के बाद समाज में काफी बदलाव आया है. ऐसे में अगर जनसंख्या नीति लागू होती है तो इससे समाज में काफी कुछ बदलाव होगा.
आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान बतातीं हैं कि उनके साथ जुड़ी हुई काफी ऐसी महिलाएं हैं. जिनके 4 से 6 बच्चे हैं. उन्हें परिवार पालने की बहुत सारी परेशानियां उठानी पड़ती हैं. अधिक बच्चे होने की वजह से महिलाओं के साथ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होना स्वाभाविक है. उन्होंने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण नीति किसी धर्म या समुदाय के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए है. अगर हम जनसंख्या नियंत्रण नीति का पालन करेंगे तो सरकार तमाम सुविधाएं देगी. जिससे हमारा और समाज का विकास होगा.
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