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मां 8 साल की बेटी को छोड़ प्रेमी संग गई, बच्ची पहुंची अनाथालय, जानें फिर क्या हुआ..

मां मरे मौसी जिए, मौसी 'मां' सी होए..यह कहावत बरेली में उस वक्त चरितार्थ होते दिखी जब एक 12 साल की बच्ची कविता (काल्पनिक नाम) को उसकी मौसी और बुजुर्ग नाना अनाथालय लेने पहुंच गए. कविता पिछले चार सालों से अनाथालय में अनाथ बच्चों की तरह जिंदगी जी रही थी. चार साल पहले उसकी मां उसे लावारिस छोड़कर प्रेमी के साथ चली गयी थी. अब बाल कल्याण समिति ने कविता को उसके बुजुर्ग नाना और मौसी के सुपुर्द कर दिया है.

बरेली बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट डॉक्टर डी.एन शर्मा
बरेली बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट डॉक्टर डी.एन शर्मा
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Published : Apr 10, 2021, 9:33 PM IST

बरेली : जनपद निवासी एक 30 वर्षीय महिला के पति की बीमारी के चलते 2016 में मौत हो गई. तीन बच्चों की मां पति की मौत के बाद प्रेमी के प्यार में ऐसी पागल हुई कि उसने अपनी 8 साल की बेटी कविता (काल्पनिक नाम) को 2017 से लावारिस छोड़ दिया. इसके बाद मासूम बच्ची को अनाथालय में अनाथ बच्चों के साथ जिंदगी गुजारने को मजबूर होना पड़ा.

बरेली बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट डॉक्टर डी.एन शर्मा

..और मौसी में उमड़ी मां की ममता

4 साल से मासूम कविता मां के जिंदा होने के बावजूद अनाथ बच्चों की तरह अनाथालय में अपना जीवन काट रही थी. तभी उसकी मौसी का दिल पसीजा. मौसी में मां की ममता उमड़ी और उसने कविता को अनाथालय से निकालकर अपने घर ले जाने के लिए बाल कल्याण समिति से गुहार लगा दी. अपनी बेटी की तरह लालन-पालन करने का वादा भी किया.

बुजुर्ग नाना कविता को देंगे अपनी आधी संपत्ति
बरेली बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट डॉक्टर डी.एन शर्मा के सामने एक बुजुर्ग अपनी बेटी के साथ पहुंचा. अपनी नातिन को अनाथालय से निकालकर उसे सौंपने की गुहार लगाई. इसके बाद बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट ने कागजी कार्यवाही पूरी करते हुए 12 साल की कविता को उसके नाना और मौसी के सुपुर्द कर दिया.

साथ ही इन दोनों से शपथपत्र लेकर उसका ठीक से पालन-पोषण करने का वादा भी लिया. यही नहीं, मासूम कविता के बुजुर्ग नाना ने अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा उसके नाम करने की भी बात कही ताकि कविता अपनी आगे की जिंदगी आसानी से जी सके.

बरेली : जनपद निवासी एक 30 वर्षीय महिला के पति की बीमारी के चलते 2016 में मौत हो गई. तीन बच्चों की मां पति की मौत के बाद प्रेमी के प्यार में ऐसी पागल हुई कि उसने अपनी 8 साल की बेटी कविता (काल्पनिक नाम) को 2017 से लावारिस छोड़ दिया. इसके बाद मासूम बच्ची को अनाथालय में अनाथ बच्चों के साथ जिंदगी गुजारने को मजबूर होना पड़ा.

बरेली बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट डॉक्टर डी.एन शर्मा

..और मौसी में उमड़ी मां की ममता

4 साल से मासूम कविता मां के जिंदा होने के बावजूद अनाथ बच्चों की तरह अनाथालय में अपना जीवन काट रही थी. तभी उसकी मौसी का दिल पसीजा. मौसी में मां की ममता उमड़ी और उसने कविता को अनाथालय से निकालकर अपने घर ले जाने के लिए बाल कल्याण समिति से गुहार लगा दी. अपनी बेटी की तरह लालन-पालन करने का वादा भी किया.

बुजुर्ग नाना कविता को देंगे अपनी आधी संपत्ति
बरेली बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट डॉक्टर डी.एन शर्मा के सामने एक बुजुर्ग अपनी बेटी के साथ पहुंचा. अपनी नातिन को अनाथालय से निकालकर उसे सौंपने की गुहार लगाई. इसके बाद बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट ने कागजी कार्यवाही पूरी करते हुए 12 साल की कविता को उसके नाना और मौसी के सुपुर्द कर दिया.

साथ ही इन दोनों से शपथपत्र लेकर उसका ठीक से पालन-पोषण करने का वादा भी लिया. यही नहीं, मासूम कविता के बुजुर्ग नाना ने अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा उसके नाम करने की भी बात कही ताकि कविता अपनी आगे की जिंदगी आसानी से जी सके.

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