बरेली : पुलिस लाइन में बुधवार को एसपी क्राइम, जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित तमाम अधिकारियों ने बैठक की. इसमें पुलिस अधीक्षक ने समस्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि किशोर न्याय 2015 में विहित प्रावधानों के अनुसार अपचारी किशोर का संबंधित थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी द्वारा एसआरबी रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि किसी भी पीड़िता का 72 घंटे के अंदर मेडिकल होना अनिवार्य है, ताकि जांच में पारदर्शिता आ सके. एसपी क्राइम ने कहा कि अगर किसी को कोई लावारिस बच्चा मिलता है, तो उसकी सूचना चाइल्ड लाइन के माध्यम से सीडब्लूसी के समक्ष प्रस्तुत करें.
पुलिस अधिकारियों को दी ये जानकारी
बैठक में महिला कल्याण उपनिदेशक नीता अहिरवार ने बताया कि अगर कोई पीड़िता मिलती है, तो सबसे पहले उसका कोविड-19 टेस्ट कराया जाए. इसके अलावा बैठक में महिला कल्याण विभाग की इकाईयों जैसे- राजकीय सम्प्रेक्षण गृह, राजकीय महिला शरणालय बरेली सम्बद्ध मानसिक रूप से अविकसित महिलाओं का प्रकोष्ठ, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के बारे में भी जानकारी दी गई.
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बैठक में बालिकाओं के प्रति हिंसा, अपराध करने वालों की पहचान उजागर करने और महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी तथा बल पूर्वक भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के बारे में जानकारी दी गई. घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं, पॉस्को एक्ट, कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न तथा जो बच्चे कानूनी अपराध करते हैं, उनको किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किए जाने के भी निर्देश दिए गए.