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बरेली में बिना दहेज के संपन्न हुई शादी

यूपी के बरेली में हुई बिना दहेज की शादी ने समाज में एक नजीर पेश की. शादी समारोह बेहद सामान्य तरीके से आयोजित किया गया, जिसमें वर पक्ष की तरफ से सिर्फ दूल्हे के माता-पिता और उसके बहनोई शामिल हुए.

बरेली में बिना दहेज के संपन्न हुई शादी
बरेली में बिना दहेज के संपन्न हुई शादी
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Published : Jun 18, 2020, 6:05 AM IST

बरेली: मीरगंज थाना क्षेत्र के वहरोली गांव के पास बने मंदिर में एक जोड़े की शादी बिना बैंड-बाजे व बारात के हुई. बारातियों में दूल्हे के माता-पिता व उसके बहनोई ही शामिल हुए. इस शादी की खास बात ये रही की ये बिना दहेज के संपन्न हुई. शादी संपन्न होने के बाद दुल्हन को उसके पिता ने खुशी-खुशी विदा कर दिया.

20 दिन पहले वहरोली गांव के हरि सहाय ने अपनी बेटी ज्योति की शादी तहसील इलाके के ही गांव मीरापुर के निवासी रमेश कुमार के पुत्र यशपाल के साथ तय की थी. वर पक्ष की ओर से दहेज की मांग बिल्कुल नहीं हुई. बुधवार को यशपाल दूल्हा बनकर अपने माता-पिता और बहनोई के साथ वहरोली गांव आए. बगिया बाले मंदिर के खुले परिसर में ही हवन कुण्ड बनाकर पंडित ने वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ शादी संपन्न कराई. दहेज रहित इस विवाह ने समाज में एक नजीर पेश की.

बरेली: मीरगंज थाना क्षेत्र के वहरोली गांव के पास बने मंदिर में एक जोड़े की शादी बिना बैंड-बाजे व बारात के हुई. बारातियों में दूल्हे के माता-पिता व उसके बहनोई ही शामिल हुए. इस शादी की खास बात ये रही की ये बिना दहेज के संपन्न हुई. शादी संपन्न होने के बाद दुल्हन को उसके पिता ने खुशी-खुशी विदा कर दिया.

20 दिन पहले वहरोली गांव के हरि सहाय ने अपनी बेटी ज्योति की शादी तहसील इलाके के ही गांव मीरापुर के निवासी रमेश कुमार के पुत्र यशपाल के साथ तय की थी. वर पक्ष की ओर से दहेज की मांग बिल्कुल नहीं हुई. बुधवार को यशपाल दूल्हा बनकर अपने माता-पिता और बहनोई के साथ वहरोली गांव आए. बगिया बाले मंदिर के खुले परिसर में ही हवन कुण्ड बनाकर पंडित ने वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ शादी संपन्न कराई. दहेज रहित इस विवाह ने समाज में एक नजीर पेश की.

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