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विकास को आईना दिखाती बिल्वा गांव की सड़क, पैदल चलना भी दूभर

यूपी में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सरकार चुनाव को लेकर सभी तैयारियों को जल्द से जल्द पूर्ण करने में व्यस्त है, लेकिन गांव के विकास को लेकर ग्रामीणों की मायूसी साफ देखने को मिल रही है. बरेली जिले के बिल्वा गांव में जाने वाला मुख्य रास्ता विकास को आईना दिखा रहा है. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में देखिये बिल्वा गांव जाने वाले रास्ते का हाल...

विकास को आईना दिखाती बिल्वा गांव की सड़क
विकास को आईना दिखाती बिल्वा गांव की सड़क
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Published : Jan 26, 2021, 8:08 PM IST

बरेली: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जल्द होने वाले हैं. इसे लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं. राजनीतिक दलों ने एक तरफ जहां इन चुनावों में अपने-अपने समर्थकों को मैदान में उतारने की कवायद तेज कर दी है तो वहीं ग्रामीण स्तर पर इन पांच वर्षों में किए गए कार्यों के बल पर पूर्व प्रधान भी अपनी ताल ठोंकने के दावे पेश कर रहे हैं. देखिये पंचायत चुनाव पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

बिल्वा गांव का मुख्य रास्ता है बदहाल
बरेली महानगर से सटे बिल्वा गांव में विकास की हवा तक नहीं बही है. गांव के रास्ते आज भी अपनी सूरत बदलने का इंतजार कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने बिल्वा गांव में जब ग्रामीणों से बात की तो विकास को लेकर ग्रामीणों की मायूसी साफ देखने को मिली. ग्रामीणों ने बताया कि महानगर से बिल्कुल चंद किलोमीटर की दूरी पर होने के बावजूद भी गांव के विकास पर किसी का ध्यान नहीं है.

ग्रामीण हैं नाराज
बता दें कि नैनीताल-बरेली हाईवे से सटे बिल्वा गांव में आने-जाने के रास्ते तक भी ठीक नहीं हैं. रास्ते पर हर वक्त जलभराव रहता है. सड़क का कहीं पता ही नहीं चलता. लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. जब इसको लेकर ग्रामीणों से बात की गई तो ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गांव में क्या विकास हुआ है, ये तो यहां की सड़क से ही दिखाई दे रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि जब हम लोग सड़क बनवाने के लिए ग्राम प्रधान से बात करते हैं तो वह कहते हैं कि पूरा गांव साथ दे तो कुछ होगा.

गांव से बाहर पैदल निकलना मुश्किल
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि और भी कई गांवों में जाने के लिए इस गांव से होकर लोग गुजरते हैं. सभी को यहां परेशानी होती है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव से बाहर निकलना हो तो हम लोग पैदल नहीं जाते बल्कि किसी वाहन का सहारा लेते हैं, क्योंकि जलभराव की वजह से इस गांव के बाहर पानी की निकासी नहीं होती और गांव की नालियों का पानी मुख्य रास्ते पर तालाब की शक्ल में भरा रहता है.

जनप्रतिनिधियों के दर पर भी लगाई गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि वह लोग इस समस्या को लेकर सांसद, विधायक यहां तक कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिल चुके हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं. फिलहाल अब पंचायत चुनाव सिर पर है तो लोगों को मालूम है कि सभी प्रत्याशी इस गांव के विकास के लिए वादे करेंगे, लेकिन विकास के नाम पर जिस रास्ते से वह वोट मांगने आएंगे वह रास्ते उनको पांच वर्षों में किये गए विकास का आईना दिखाएंगे.

बरेली: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जल्द होने वाले हैं. इसे लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं. राजनीतिक दलों ने एक तरफ जहां इन चुनावों में अपने-अपने समर्थकों को मैदान में उतारने की कवायद तेज कर दी है तो वहीं ग्रामीण स्तर पर इन पांच वर्षों में किए गए कार्यों के बल पर पूर्व प्रधान भी अपनी ताल ठोंकने के दावे पेश कर रहे हैं. देखिये पंचायत चुनाव पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

बिल्वा गांव का मुख्य रास्ता है बदहाल
बरेली महानगर से सटे बिल्वा गांव में विकास की हवा तक नहीं बही है. गांव के रास्ते आज भी अपनी सूरत बदलने का इंतजार कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने बिल्वा गांव में जब ग्रामीणों से बात की तो विकास को लेकर ग्रामीणों की मायूसी साफ देखने को मिली. ग्रामीणों ने बताया कि महानगर से बिल्कुल चंद किलोमीटर की दूरी पर होने के बावजूद भी गांव के विकास पर किसी का ध्यान नहीं है.

ग्रामीण हैं नाराज
बता दें कि नैनीताल-बरेली हाईवे से सटे बिल्वा गांव में आने-जाने के रास्ते तक भी ठीक नहीं हैं. रास्ते पर हर वक्त जलभराव रहता है. सड़क का कहीं पता ही नहीं चलता. लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. जब इसको लेकर ग्रामीणों से बात की गई तो ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गांव में क्या विकास हुआ है, ये तो यहां की सड़क से ही दिखाई दे रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि जब हम लोग सड़क बनवाने के लिए ग्राम प्रधान से बात करते हैं तो वह कहते हैं कि पूरा गांव साथ दे तो कुछ होगा.

गांव से बाहर पैदल निकलना मुश्किल
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि और भी कई गांवों में जाने के लिए इस गांव से होकर लोग गुजरते हैं. सभी को यहां परेशानी होती है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव से बाहर निकलना हो तो हम लोग पैदल नहीं जाते बल्कि किसी वाहन का सहारा लेते हैं, क्योंकि जलभराव की वजह से इस गांव के बाहर पानी की निकासी नहीं होती और गांव की नालियों का पानी मुख्य रास्ते पर तालाब की शक्ल में भरा रहता है.

जनप्रतिनिधियों के दर पर भी लगाई गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि वह लोग इस समस्या को लेकर सांसद, विधायक यहां तक कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिल चुके हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं. फिलहाल अब पंचायत चुनाव सिर पर है तो लोगों को मालूम है कि सभी प्रत्याशी इस गांव के विकास के लिए वादे करेंगे, लेकिन विकास के नाम पर जिस रास्ते से वह वोट मांगने आएंगे वह रास्ते उनको पांच वर्षों में किये गए विकास का आईना दिखाएंगे.

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