प्रयागराज : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर विश्वविद्यालय के जवाब पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असंतोष जताया है. विश्वविद्यालय की ओर से दाखिल हलफनामे में कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं दी गई. सिर्फ इतना कहा गया कि उचित समय पर चुनाव कराया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि यह जवाब याचिका में उठाए गए मुद्दों का जवाब नहीं है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 9 दिसंबर तय करते हुए बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
एएमयू के एलएलएम के छात्र कैफ हसन ने छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका पर मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. एएमयू के अधिवक्ता ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर बताया कि स्थिति अनुकूल न होने और परीक्षा के चलते अभी चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं. विश्वविद्यालय के इस जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं थी और कुलपति व रजिस्ट्रार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याची के अधिवक्ता नदीम अंजुम, अली बिन सैफ और जीशान खान ने कहा कि विश्वविद्यालय 2019 से चुनाव नहीं करा रहा है. एमएमयू अधिनियम 1920 और लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए बाध्य है. इस पर कोर्ट ने विश्वविद्यालय से जवाब मांगा था.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएमयू में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका के संबंध में विश्वविद्यालय से जरूरी निर्देश प्राप्त करने के लिए एएमयू के अधिवक्ता को 10 दिन का समय दिया था. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं जस्टिस न्यायमूर्ति कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने दिया था.
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