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कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का ऐलान- जेलों में महिला बंदियों के बच्चों के लिए बनेंगे चिल्ड्रन पार्क

बरेली में स्वतंत्र प्रभार कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि, जेलों में बंद महिला बंदियों के बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क बनाए जाएंगे.

मंत्री धर्मवीर प्रजापति
मंत्री धर्मवीर प्रजापति
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Published : Dec 25, 2022, 8:13 PM IST

मीडिया से बात करते हुए कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति

बरेली: उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार कारागार मंत्री रविवार को बरेली पहुंचे. जहां उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जेलों में बंद महिला बंदियों के बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क बनाए जाएंगे. साथ ही यूपी की 10 जिलों में जहां जेल नहीं है. वहां जेलों के लिए जमीनों को खरीद लिया गया है. जल्दी उनको बनाने का काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जेल जाने वाले सभी कैदी पेशेवर नहीं होते हैं. कभी-कभी अनावस वह कैदी बन जाते हैं. जब वह बाहर आते हैं तो उनको समाज को स्वीकार करना चाहिए.

कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेल में कैदियों का आना और उनके लिए बैरक बनाना समाधान नहीं है. हमें चिंतन करना चाहिए कि कैदियों की संख्या क्यों बढ़ कर रही है. बाहर कहीं ना कहीं गलतियां हो रही हैं. चाहे वह नौजवानों, चाहे कोई और हो. जिसके कारण वो जेल जा रहे हैं. अगर तह में जाएं तो विचार करना चाहिए. जेल में 40% से अधिक युवा हैं. इसके पीछे जाने की कोशिश की जननी चाहिए. जब इसको जानने की कोशिश की तो कैदियों के साथ संवाद शुरू किया गया. संवाद के बाद काफी कैदियों को अपने किए पर पछतावा भी हुआ है. इतना ही नहीं स्वतंत्र प्रभार मंत्री कारागार धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि मैं समाज के लोगों से आग्रह करना चाहता हूं कि सभी कैदी पेशेवर नहीं है. अनायास घटित घटनाओं में कैदी बन जाते हैं. इसलिए बाहर आने पर समाज के लोगों को उनको स्वीकार करना चाहिए.

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कारागार मंत्री का स्वागत

जेल में बंद बंदियों में अवसाद की प्रवृत्ति को रोकने के लिए और आए दिन होने वाले आत्महत्याओं को कम करने के लिए कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि ऐसी भावनाओं को समझते हुए हमने स्वयं कैदियों के साथ संवाद करना शुरू कर दिया है. बाहर के लोग जो किसी भी घटना में बंद है. उसको अपराधी मानते हैं. वह एकदम बाहर की दुनिया से दूर हो जाते हैं. इसी को देखते हुए कैदियों के साथ संवाद शुरू किया है. अब तक 39 जिलों में संवाद किया जा चुका है. ताकि उनको अवसाद से दूर किया जा सके.

जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेल में बंद जो महिलाएं बंदी है. उनके बच्चों के पढ़ाई लिखाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. 42 जिलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापक नियुक्त हैं. जहां अध्यापक नहीं है. वहां पर बंदी रक्षक महिला बंदियों के बच्चों को पढ़ाती हैं. इतना ही नहीं महिला बंदियों के बच्चों को खेलने के लिए जेल में चिल्ड्रन पार्क भी बनाए जाएंगे यह हमारा प्रयास है.

मीडिया से बात करते हुए कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति

बरेली: उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार कारागार मंत्री रविवार को बरेली पहुंचे. जहां उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जेलों में बंद महिला बंदियों के बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क बनाए जाएंगे. साथ ही यूपी की 10 जिलों में जहां जेल नहीं है. वहां जेलों के लिए जमीनों को खरीद लिया गया है. जल्दी उनको बनाने का काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जेल जाने वाले सभी कैदी पेशेवर नहीं होते हैं. कभी-कभी अनावस वह कैदी बन जाते हैं. जब वह बाहर आते हैं तो उनको समाज को स्वीकार करना चाहिए.

कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेल में कैदियों का आना और उनके लिए बैरक बनाना समाधान नहीं है. हमें चिंतन करना चाहिए कि कैदियों की संख्या क्यों बढ़ कर रही है. बाहर कहीं ना कहीं गलतियां हो रही हैं. चाहे वह नौजवानों, चाहे कोई और हो. जिसके कारण वो जेल जा रहे हैं. अगर तह में जाएं तो विचार करना चाहिए. जेल में 40% से अधिक युवा हैं. इसके पीछे जाने की कोशिश की जननी चाहिए. जब इसको जानने की कोशिश की तो कैदियों के साथ संवाद शुरू किया गया. संवाद के बाद काफी कैदियों को अपने किए पर पछतावा भी हुआ है. इतना ही नहीं स्वतंत्र प्रभार मंत्री कारागार धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि मैं समाज के लोगों से आग्रह करना चाहता हूं कि सभी कैदी पेशेवर नहीं है. अनायास घटित घटनाओं में कैदी बन जाते हैं. इसलिए बाहर आने पर समाज के लोगों को उनको स्वीकार करना चाहिए.

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कारागार मंत्री का स्वागत

जेल में बंद बंदियों में अवसाद की प्रवृत्ति को रोकने के लिए और आए दिन होने वाले आत्महत्याओं को कम करने के लिए कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि ऐसी भावनाओं को समझते हुए हमने स्वयं कैदियों के साथ संवाद करना शुरू कर दिया है. बाहर के लोग जो किसी भी घटना में बंद है. उसको अपराधी मानते हैं. वह एकदम बाहर की दुनिया से दूर हो जाते हैं. इसी को देखते हुए कैदियों के साथ संवाद शुरू किया है. अब तक 39 जिलों में संवाद किया जा चुका है. ताकि उनको अवसाद से दूर किया जा सके.

जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेल में बंद जो महिलाएं बंदी है. उनके बच्चों के पढ़ाई लिखाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. 42 जिलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापक नियुक्त हैं. जहां अध्यापक नहीं है. वहां पर बंदी रक्षक महिला बंदियों के बच्चों को पढ़ाती हैं. इतना ही नहीं महिला बंदियों के बच्चों को खेलने के लिए जेल में चिल्ड्रन पार्क भी बनाए जाएंगे यह हमारा प्रयास है.

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