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बीजेपी के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष ने रची साजिश तो पुलिस ने भेजा जेल

बरेली भाजपा के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष को छेड़खानी से पीड़ित पक्ष के खिलाफ उल्टा साजिश रचने और पुलिस को गुमराह करने के आरोप में पांच अन्य साथियों संग जेल भेज दिया गया.

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Published : Jul 12, 2021, 8:34 PM IST

जेल भेजा गया बरेली बीजेपी का पूर्व मंडल उपाध्यक्ष
जेल भेजा गया बरेली बीजेपी का पूर्व मंडल उपाध्यक्ष

बरेली: थाना बारादरी क्षेत्र निवासी भाजपा के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष शारिक को पुरानी रंजिश में बदले की भावना से विरोधी को फंसाने की साजिश रचने के आरोप में पांच अन्य साथियों के साथ जेल भेजा गया है. कुछ दिन पूर्व शारिक ने विपक्षी को फंसाने के लिए फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर खुद को धमकी भरा मैसेज किया और फिर फर्जी तरीके से विपक्षी द्वारा गोली मारने का आरोप लगाकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस की जांच में बीजेपी नेता द्वारा दर्ज कराए मुकदमे बेबुनियाद निकले, लिहाजा पुलिस ने उन्हें पांच अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

दरअसल, पांच माह पूर्व एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर बीजेपी नेता शारिक और उसके भाई आरिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस की जांच में पता चला कि बीजेपी नेता शारिक पर लगे आरोप झूठे हैं, लेकिन उसके भाई आरिफ पर लगे आरोप सही हैं. लिहाजा, उसी वक्त पुलिस ने आरिफ को जेल भेज दिया था. आरोप है कि आरिफ के जमानत पर बाहर आने के बाद शारिक पीड़ित पक्ष पर समझौता का दबाब बना रहा था, लेकिन दूसरा पक्ष समझौते को तैयार नहीं हुआ. लिहाजा, शारिक अपने साथियों के साथ मिलकर उल्टा पीड़ित पक्ष को फंसाने की साजिश रचने लगा.

छानबीन में पता चला कि बीजेपी नेता शारिक ने अपने दोस्त अंकित शर्मा के साथ मिलकर एक मोबाइल फोन चोरी किया. फिर उसी मोबाइल से शारिक ने कासिब सकलैनी के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई. उसी आईडी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई. बाद में शारिक ने चोरी के नंबर से खुद को कॉल और सोशल साइट्स धमकी भरा मैसेज किया. ये फर्जीवाड़ा कर उसने उल्टा पीड़ित महिला के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया.


इसे भी पढ़ें-लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के दोनों आतंकी 14 दिन की रिमांड पर


पुलिस ने बताया कि शारिक ने 27 जून की रात डायल 112 पर कॉल कर बताया कि उसे कासिब सकलैनी और उसके भाई ने गोली मार दी. आनन-फानन में पुलिस ने शारिक को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि शारिक को मामूली चोट है और वो चोट गोली की प्रतीत नहीं हो रही. पुलिस ने शक के आधार पर प्रकरण के संबंध में जांच पड़ताल शुरू की, जिसमें सच्चाई निकल कर सामने आ गई. पुलिस ने साजिश रचने और पुलिस को गुमराह करने संबंधी अन्य धाराओं में प्रकरण में शामिल सभी लोगों को जेल भेज दिया.

इसे भी पढ़ें-मास्टर स्ट्रोक 2022: भाजपा की सजाई पिच पर कहीं बैटिंग न कर जाए विपक्ष


पुलिस की गिरफ्त में आए बीजेपी नेता शारिक ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. फिलहाल, शारिक को उसके साथी अंकित शर्मा, बब्लू, सैफ, अमन अंसारी और शाहनवाज को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से एक चोरी का मोबाइल, सिम और तीन अन्य मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि साजिश रचने और पीड़ित पक्ष के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के आरोप में शारिक को उसके 5 अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

बरेली: थाना बारादरी क्षेत्र निवासी भाजपा के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष शारिक को पुरानी रंजिश में बदले की भावना से विरोधी को फंसाने की साजिश रचने के आरोप में पांच अन्य साथियों के साथ जेल भेजा गया है. कुछ दिन पूर्व शारिक ने विपक्षी को फंसाने के लिए फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर खुद को धमकी भरा मैसेज किया और फिर फर्जी तरीके से विपक्षी द्वारा गोली मारने का आरोप लगाकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस की जांच में बीजेपी नेता द्वारा दर्ज कराए मुकदमे बेबुनियाद निकले, लिहाजा पुलिस ने उन्हें पांच अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

दरअसल, पांच माह पूर्व एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर बीजेपी नेता शारिक और उसके भाई आरिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस की जांच में पता चला कि बीजेपी नेता शारिक पर लगे आरोप झूठे हैं, लेकिन उसके भाई आरिफ पर लगे आरोप सही हैं. लिहाजा, उसी वक्त पुलिस ने आरिफ को जेल भेज दिया था. आरोप है कि आरिफ के जमानत पर बाहर आने के बाद शारिक पीड़ित पक्ष पर समझौता का दबाब बना रहा था, लेकिन दूसरा पक्ष समझौते को तैयार नहीं हुआ. लिहाजा, शारिक अपने साथियों के साथ मिलकर उल्टा पीड़ित पक्ष को फंसाने की साजिश रचने लगा.

छानबीन में पता चला कि बीजेपी नेता शारिक ने अपने दोस्त अंकित शर्मा के साथ मिलकर एक मोबाइल फोन चोरी किया. फिर उसी मोबाइल से शारिक ने कासिब सकलैनी के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई. उसी आईडी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई. बाद में शारिक ने चोरी के नंबर से खुद को कॉल और सोशल साइट्स धमकी भरा मैसेज किया. ये फर्जीवाड़ा कर उसने उल्टा पीड़ित महिला के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया.


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पुलिस ने बताया कि शारिक ने 27 जून की रात डायल 112 पर कॉल कर बताया कि उसे कासिब सकलैनी और उसके भाई ने गोली मार दी. आनन-फानन में पुलिस ने शारिक को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि शारिक को मामूली चोट है और वो चोट गोली की प्रतीत नहीं हो रही. पुलिस ने शक के आधार पर प्रकरण के संबंध में जांच पड़ताल शुरू की, जिसमें सच्चाई निकल कर सामने आ गई. पुलिस ने साजिश रचने और पुलिस को गुमराह करने संबंधी अन्य धाराओं में प्रकरण में शामिल सभी लोगों को जेल भेज दिया.

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पुलिस की गिरफ्त में आए बीजेपी नेता शारिक ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. फिलहाल, शारिक को उसके साथी अंकित शर्मा, बब्लू, सैफ, अमन अंसारी और शाहनवाज को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से एक चोरी का मोबाइल, सिम और तीन अन्य मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि साजिश रचने और पीड़ित पक्ष के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के आरोप में शारिक को उसके 5 अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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