बरेली: शहर में एक ओर जहां इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी की जा रही है. वहीं यहां इलेक्ट्रिक बसों के लिए अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या है. जगह-जगह फैला अतिक्रमण इलेक्ट्रॉनिक बसों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. वहीं बरेली के मेयर का कहना है कि इलेक्ट्रानिक बसों के संचालन के दौरान अतिक्रमण खुद हटा लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग अतिक्रमण नहीं हटाएंगे वहां नगर निगम खुद अतिक्रमण हटा देगा.
केंद्र सरकार के फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण में देश के 11 राज्यों में इलेक्ट्रॉनिक बसें चलाने की परमिशन दे दी गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश का बरेली भी शामिल है. यहां पर 25 इलेक्ट्रॉनिक बसें चलाई जाएंगी, लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना में सबसे बड़ा रोड़ा बरेली में जगह-जगह फैला अतिक्रमण है. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण की ही रहेगी. शहर का कोई भी स्थान ऐसा बचा नहीं है, जहां पर अतिक्रमण ने अपना घर नहीं कर कर लिया हो.
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वहीं मेयर उमेश गौतम का कहना है कि अतिक्रमण हटाना हमारा सबसे अहम लक्ष्य है. शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. जब भी शहर में इलेक्ट्रिक बसें चालू होंगीं, हम उससे पहले ही अतिक्रमण हटा देंगे. इसके अलावा जो लोग खुद अतिक्रमण हटा लें, यह उनके लिए अच्छा है वरना नगर पालिका खुद अतिक्रमण हटा देगी.